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आपकी पुरानी कार जब्त कर सकती है सरकार, क्या है इनका समाधान स्क्रैपिंग या कुछ और?

locationनई दिल्लीPublished: May 03, 2022 11:35:08 am

Submitted by:

Bhavana Chaudhary

इस समस्या से निजात पाने के लिए हाल ही में कई वाहन मालिकों ने हाईकोर्ट का रुख किया। लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने 15 साल से पुरानी पेट्रोल कारों और 10 साल से पुरानी डीजल कारों के रिन्यूअल की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।

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Old Vehicles (Representative image)

Old Petrol and Diesel Cars : देश में बढ़ते प्रदुषण के स्तर में कमी लाने के लिए 10 साल पुरानी डीजल कारों और 15 साल पुरानी पेट्रोल कारों पर दिल्ली सरकार सख्त हो गई है। अगर आपका वाहन दिल्ली रजिस्टर्ड है, और 10 साल से पुराना है, तो इसे चलाना कानूनी रूप से अपराध है। इस नए नियम के साथ वाहन मालिकों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं, आप जानते हैं, कि औसतन देश में लोग 7 से 8 साल के भीतर वाहन बदल देते हैं, हालांकि ये अपने पुरानी कार को बेचकर नया मॉडल खरीद लेते हैं, लेकिन अब जब कारों का जीवन कम हो रहा है, तो आपके पास इसे बेचने का भी रास्ता नहीं है, और इसी तर्ज पर आज देश में हजारों की संख्या में लग्जरी गाड़ियां कौड़ियों के दाम बिक रही हैं।

 

इस समस्या से निजात पाने के लिए हाल ही में कई वाहन मालिकों ने हाईकोर्ट का रुख किया। लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने 15 साल से पुरानी पेट्रोल कारों और 10 साल से पुरानी डीजल कारों के रिन्यूअल की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। वाहन मालिकों ने अपील की है, कि उनके वाहन उत्सर्जन परीक्षण पास करने में सफल रहे तो उन्हें दोबारा से पंजीकृत करने की अनुमति दी जाए। जिस पर अदालत ने ऐसे वाहनों के मालिकों को अन्य राज्यों में वाहन बेचने की अनुमति दी है, लेकिन इसके लिए मालिकों को पहले दिल्ली के परिवहन विभाग में अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के लिए आवेदन करना होगा।





हाईकोर्ट ने दोबारा रजिस्ट्रेशन के लिए किया इंकार

 

आपको याद होगा हाई कोर्ट ने इसका ऐलान तब किया जब 72 साल के एक शख्स ने कोर्ट में याचिका दायर की। वह अपनी 16 साल पुरानी पेट्रोल कार का दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना चाहता था। उनके अनुसार, कार बिल्कुल सही स्थिति में थी। व्यक्ति ने कहा कि वह अपनी होंडा सिटी का उपयोग दवा, अस्पताल आदि खरीदने के लिए केमिस्टों के पास जाने के लिए करते हैं। उनके सभी काम निजामुद्दीन स्थित उनके आवास से 5-10 किमी के दायरे में किए जाते हैं। बावजूद इसके कोर्ट ने दोबारा रजिस्ट्रेशन के लिए इंकार कर दिया। कोर्ट का कहना है, कि “एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेशों के मद्देनजर, याचिकाकर्ता दिल्ली-एनसीआर में चलने के उद्देश्य से 15 साल पूरे होने के बाद पेट्रोल वाहन के पंजीकरण के नवीनीकरण की मांग नहीं कर सकता है।” तो इसका उपाय क्या है ?



हाल ही में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा एक नया नियम पारित किया गया है। इसमें कहा गया है कि 15 साल से अधिक पुराने वाहनों के लिए फिर से पंजीकरण के लिए भारी मात्रा में शुल्क लिया जा सकता है। यह नया नियम केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में संशोधन का हिस्सा है, जो 1 अप्रैल 2022 को लागू हुआ था। नए नियम के मुताबिक, 15 साल पुराने दोपहिया, हल्के मोटर वाहन, तिपहिया और आयातित चार पहिया और दोपहिया वाहनों के सभी मालिकों से अब पहले चार्ज की गई मूल राशि का लगभग 3-8 गुना शुल्क लिया जाएगा। यानी आपसे सरकार आपके वाहन के पुन: पंजीकरण के लिए एक मोटी रकम वसूलेगी। नए नियम के मुताबिक दोपहिया वाहनों के पुन: पंजीकरण की लागत 300 रुपये से 1,000, हल्के मोटर वाहनों का पुन: पंजीकरण की लागम 600 से 5,000 तक बढ़ गई है।


 

 



हर 5 साल में मोटा जुर्माना

 

अब अगर आपके पास 10 साल पुरानी डीजल या 15 साल पुरानी पेट्रोल कार है, जो इसे आप दिल्ली में तो किसी भी कीमत पर इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, बजाय इसके आप इसे अन्य राज्य में ट्रांसफर कराकर सेल कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको दिल्ली में एनओसी के लिए अप्लाई करना होगा। ध्यान दें, कि निजी वाहनों के पंजीकरण के नवीनीकरण में देरी पर हर महीने अतिरिक्त 300 खर्च अधिक खर्च करने होंगे। कमर्शियल वाहनों के लिए 500 रुपये प्रति माह का जुर्माना होगा। इन नए नियम के अनुसार 15 साल से पुराने निजी वाहनों को हर पांच साल में नवीनीकरण के लिए आवेदन करना होगा।

 

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