नीति आयोग ने सरकार के सामने रखा इलेक्ट्रिक वाहन ( Electric Vehicles ) का प्रस्ताव
प्रस्ताव पास होने पर साल 2030 से बंद हो जाएंगे डीजल-पेट्रोल वाहन
देश को प्रदूषण से मिलेगी निजात
2030 से भारत की सड़कों पर दिखाई देंगे सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन
नई दिल्ली: देश में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए सरकार इलेक्ट्रिक वाहन ( Electric vehicles ) के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है। इस स्थिति को देखते हुए नीति आयोग साल 2030 से देश में सिर्फ इलेक्ट्रिक कार बेचने का प्रस्ताव बना रहा है और अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई, तो देश में साल 2030 के बाद से सिर्फ इलेक्ट्रिक गाड़ियां ही बेची जाएंगी। पेट्रोल और डीजल कारें फिर साल 2030 से भारत की सड़कों पर नहीं दिखाई देंगी। यह फैसला देश के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
Royal Enfield Bullet बन सकती है घाटे का सौदा, खरीदने से पहले जान लें ये बातें नीति आयोग ने क्लीन फ्यूल टेक्नॉलजी के दायरे को टू-वीलर और थ्री-वीलर से आगे बढ़ाते हुए यह प्रस्ताव दिया है। आपको बता दें कि दुनिया में जितने भी विकसित देश हैं वो सभी इस दिशा में काम कर रहे हैं। टू-वीलर्स के लिए यह प्रस्ताव 150cc तक की इंजन क्षमता वाली बाइक्स के लिए था। अब कमिटी ने एक कैबिनेट नोट जारी किया है, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों के लिए जिम्मेदारी तय करने की बात कही गई है। साथ ही सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) को 2030 तक डीजल और पेट्रोल गाड़ियों की बिक्री रोकने के लिए फ्रेमवर्क तैयार करने का प्रस्ताव दिया गया है।
पढ़ेँ Suzuki Gixxer SF 250 का पूरा रिव्यू, जानें क्यों आपको खरीदनी चाहिए ये मोटरसाइकिल इसके अलावा सुझाव दिया गया है कि मंत्रालय एक ओवरहेड बिजली नेटवर्क के साथ पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ई-हाईवे प्रोग्राम शुरू करे, ताकि चुनिंदा नैशनल हाइवे पर ट्रकों और बसों का संचालन किया जा सके। यह प्रपोजल 2030 तक 50 गीगावॉट प्रति घंटा (GWh) की बैटरियां बनाने की योजना का हिस्सा है।
कैबिनेट प्रापोजल में सुझाव दिया है कि गडकरी के मंत्रालय ( सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ) को सभी डीजल और पेट्रोल फ्यूल वाली गाड़ियों को 2030 तक इलेक्ट्रिक में रिप्लेस करने को कैब एग्रीगेटर्स के लिए मानदंड जारी करने का काम सौंपा जाना चाहिए। वहीं, 2030 तक सभी केंद्रीय मंत्रालयों, एजेंसियों और सार्वजनिक क्षेत्र की सभी डीजल और पेट्रोल गाड़ियों को इलेक्ट्रिक गाड़ियों से रिप्सेल करने के लिए भारी उद्योग मंत्रालय (हेवी इंस्ट्रीज मिनिस्ट्री) को भी ऐसी ही करना चाहिए।
Hyundai Venue को घर ले जाने के लिए 6.5 लाख नहीं देनी होगी ये कीमत, पढ़ें सभी वेरिएंट्स की कीमतआर्थिक फायदा कच्चे तेल की मांग लगातार बढ़ती जा रही है ऐसे में अगर ये फैसला नीति आयोग के पक्ष में होता है और साल 2030 से भारत की सड़कों पर सिर्फ इलेक्ट्रिक कारों को अनुमति दी जाती है तो इससे ना सिर्फ हमारा पर्यावरण प्रदूषण मुक्त हो पाएगा बल्कि इससे देश की आर्थिक स्थिति में भी सुधार किया जा सकेगा। इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री से कच्चे तेल के आयात पर खर्च होने वाले लगभग 3 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी।