
नई दिल्ली: अक्टूबर से नियम बदलने वाले हैं और गाड़ियों में लगने वाले हर पार्ट्स पर अब QR कोड का होना जरूरी होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय अगले महीने इस संबंध में सभी वाहन निर्माताओं को निर्देश जारी करेगा। इससे वाहन निर्माताओं को अक्टूबर से बनने वाले हर नए वाहन के सभी पार्ट्स पर एक क्यूआर कोड देना होगा। इस कोड की खास बात ये होगी कि ये सामान्य रोशनी में नजर नहीं आएगा और इसे देखने के लिे UV रे की जरूरत पड़ेगी। इस कोड की मदद से वाहन और मालिक की पहचान हो सकेगी।
चोरी पर लगेगी लगाम-
इस सिस्टम के लागू होने पर चोरी पर लगाम लगाई जा सकेगी। दरअसल अगर एक वाहन का पार्ट्स चोरी करके दूसरे वाहन में लगाया गया तो चोरी पकड़ ली जाएगी। इससे वाहनों के पार्ट्स चोरी रुकेगी। देश में हर साल 2.5 लाख से अधिक वाहन चोरी होते हैं। इनमें से करीब आधे वाहनों के पार्ट्स निकालकर दूसरे वाहनों में लगा दिए जाते हैं।
इस तरह पता लगेगा चोरी का-
वाहन के पार्ट्स पर चोरी का शक होने पर अल्ट्रावायलेट किरणों की मदद से बार कोड स्कैन कर वाहन के पार्ट्स की जांच करेंगे। स्कैन करते ही गाड़ी की चेसिस और इंजन नंबर भी आ जाएगा। इस नंबर की मदद से परिवहन विभाग के वाहन साफ्टवेयर में दर्ज कर वाहन स्वामी का पता लगाया जा सकेगा।
वाहनों के पार्ट्स पर ये क्यूआर कोड मैन्युफ्रैक्चरर्स प्रिंट करेंगे। इस कोड में इंजन और चेसिस का नंबर भी दर्ज होगा। वाहन की बिक्री के बाद रजिस्टर्ड करते समय वाहन स्वामी के साथ-साथ चेसिस और इंजन नंबर दर्ज किया जाता है।
Updated on:
02 Aug 2019 05:22 pm
Published on:
02 Aug 2019 05:21 pm
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