scriptहैरान कर देगा Volvo के इस 30 मीटर की कार ड्रॉप-क्रैश टेस्टिंग का वीडियो | This insane 30 meters drop testing video of Volvo will make you annoyed: crash test | Patrika News

हैरान कर देगा Volvo के इस 30 मीटर की कार ड्रॉप-क्रैश टेस्टिंग का वीडियो

locationनई दिल्लीPublished: Nov 15, 2020 08:10:54 am

बचाव सेवाओं को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए वोल्वो ( Volvo Cars ) का प्रयोग।
30 मीटर की ऊंचाई से अपनी कई गाड़ियों को जमीन पर ( crash test ) फेंका।
राहत एवं बचाव कर्मियों के अध्ययन में काम आएंगे इसके निष्कर्ष।

This insane 30 meters drop-testing video of Volvo will make you annoyed

This insane 30 meters drop-testing video of Volvo will make you annoyed

नई दिल्ली। वोल्वो कारों ( Volvo Cars ) को उनके सुरक्षा मानकों के लिए अच्छी तरह से जाना जाता है। जैसे-जैसे समय के साथ टेक्नोलॉजी विकसित हुई, वोल्वो सड़क पर सबसे सुरक्षित कारों के निर्माण के लिए कोशिशें जारी रखती रही है। लेकिन एक कार निर्माता जुनून और पागलपन के बीच की रेखा को मिटाने के लिए कितनी दूरी तय कर सकता है?
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स्वीडिश कार निर्माता ने अब अपने कुछ दीवानगी भरे क्रैश टेस्ट ( crash test ) के बारे में जानकारी पेश की है, जो वास्तव में ग्लोबल एनसीएपी जैसी वैश्विक कार सुरक्षा मूल्यांकन एजेंसियों को शर्मिंदा कर सकते हैं। वोल्वो ने जीवन रक्षक कौशल (लाइफ-सेविंग स्किल्स) को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए कार निर्माता द्वारा की गईं सबसे एक्सट्रीम क्रैश टेस्ट की तस्वीरों को साझा किया है।
पहली बार एक पागलपन वाले ड्रॉप-टेस्ट में वोल्वो ने क्रेन से 30 मीटर की ऊंचाई से अपनी कई नई एसयूवी को कई बार गिराया। वोल्वो ने इसके जरिये किसी भी संभावित दुर्घटना की तैयारी के लिए बचाव सेवाओं की अपनी टीम की मदद करने का लक्ष्य रखा।
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इस बिल्कुल यूनीक क्रैश टेस्ट ने हाई स्पीड क्रैश जैसी सबसे चरम दुर्घटना के मामलों में पाए गए नुकसान को पर्याप्त रूप से सिमुलेट करने के लिए पर्याप्त नुकसान करने में मदद की।
इस तरह की दुर्घटनाओं में कार के भीतर बैठी सवारियों के गंभीर स्थिति में होने की संभावना है। इसलिए प्राथमिकता यह है कि लोगों को कार से जल्दी से जल्दी निकाला जाए और अस्पताल पहुंचाया जाए। बचाव दल (रेस्क्यू टीम) उद्योग में ‘Jaws of life’ के नाम से ज्ञात हाइड्रोलिक बचाव उपकरणों का इस्तेमाल करता है। समाधान विशेषज्ञ अक्सर Golden Hour के बारे में बात करते हैं: जिसका मतलब है कि दुर्घटना होने के एक घंटे के भीतर वाहन के भीतर फंसे व्यक्ति को निकालकर अस्पताल में छोड़ने की जरूरत होती है।
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वोल्वो कार्स ट्रैफिक एक्सीडेंट रिसर्च टीम के एक वरिष्ठ अन्वेषक हकन गुस्ताफसन कहते हैं, “हम कई वर्षों से स्वीडिश बचाव सेवाओं के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे मकसद एक हैं, यानी सभी के लिए सुरक्षित सड़कें हों। हमें उम्मीद है कि किसी को भी सबसे गंभीर दुर्घटनाओं का अनुभव करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सभी दुर्घटनाओं से बचा नहीं जा सकता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि जब सबसे गंभीर दुर्घटनाएं होती हैं, जीवन को बचाने में मदद करने के तरीके मौजूद हों।”
दुर्घटनाओं से सभी निष्कर्षों और परिणामस्वरूप समाधान के काम को एक व्यापक शोध रिपोर्ट में एकत्र किया जाएगा। इस रिपोर्ट को अन्य जगहों पर बचाव कर्मियों के नि:शुल्क उपयोग के लिए उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वे निष्कर्षों से लाभान्वित होंगे और अपनी जीवन रक्षक क्षमताओं को विकसित कर सकेंगे।
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