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लोकसभा चुनाव से पहले तमिलनाडु के 15 पूर्व विधायक व सांसद भाजपा में हुए शामिल

- लोकसभा चुनाव से पहले तमिलनाडु में सियासी हलचल शुरू

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लोकसभा चुनाव से पहले तमिलनाडु के 15 पूर्व विधायक व सांसद भाजपा में हुए शामिल

लोकसभा चुनाव से पहले तमिलनाडु के 15 पूर्व विधायक व सांसद भाजपा में हुए शामिल

चेन्नई.

तमिलनाडु के 15 पूर्व विधायक और एक पूर्व सांसद समेत कई नेता बुधवार को यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी तमिलनाडु में अपनी स्थिति मजबूत करने की लगातार कोशिश कर रही है। भाजपा में शामिल होने वाले इन नेताओं में अधिकांश भाजपा की पूर्व सहयोगी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) से हैं।

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और एल मुरुगन तथा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई की मौजूदगी में इन नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। खास बात है कि यह सियासी घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है, जब भाजपा दक्षिण में विस्तार की कोशिश में जुटी हुई है। हालांकि इनमें से कोई तमिलनाडु राजनीति का बड़ा चेहरा नहीं है लेकिन इस पार्टी में शामिल से संदेश स्पष्ट है कि अब भाजपा नेताओं के बीच एक्सेप्टेबल पार्टी बनती जा रही है।

तमिलनाडु BJP में जो नेता शामिल हो रहे हैं उनकी लिस्ट आप नीचे देख सकते हैं।

1. के. वडिवेल - करूर
2. पी. एस. कंडासामी - अरवाकुरिची
3. गोमती श्रीनिवासन (पूर्व मंत्री) - वलंगइमन
4. आर. चिन्नास्वामी - सिंघनल्लूर
5. आर. दुरैसामी (ए) चैलेंजर दुरै- कोयम्बत्तूर
6. एम.वी. रत्नम - पोल्लाची
7. एस.एम.वासन- वेदचंदुर
8. एस. मुत्तुकृष्णन- कन्याकुमारी
9. पी. एस. अरुल- भुवनगिरि
10. एन. आर. राजेंद्रन
11. आर. तंगारासु - एंटीमैडम
12. गुरुनाथन
13. वी.आर. जयरामन- तेनी
14. बालासुब्रमण्यम - सिरकाझी
15. चन्द्रशेखर - चोलवंतन

अन्नामलै ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि भाजपा में शामिल होने वाले ये नेता काफी अनुभवी हैं और सभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथ मजबूत करना चाहते हैं। उन्होंने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित है और मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता में आएंगे।

दक्षिण में विस्तार की कोशिश
खास बात है कि भाजपा लगातार दक्षिण तक विस्तार के प्रयास में लगी हुई है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केरल पहुंचे थे, जहां उन्होंने रैली की थी। आंकड़े बता रहे हैं कि 2014 लोकसभा के मुकाबले केरल की कुछ सीटों पर भाजपा की स्थिति 2019 तक मजबूत हुई थी। हालांकि, पार्टी अभी तक इस राज्य में लोकसभा सीट नहीं जीत सकी है।