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ग्राम पंचायतों को एजेंसी बनाए जाने से 65 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण की डेडलाइन निकली

जिले में 211 आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण एक साल से चल रहा है। लेकिन अभी तक केवल 45 भवन ही बनकर तैयार हुए हैं। ग्राम पंचायतों को निर्माण एजेंसी बनाए जाने के कारण जिले 65 आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण की डेडलाइन पूर्ण हो चुकी है। इसके बाद भी पंचायतों आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण का कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण नहीं कर पाई है।

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dpo

जिला परियोजना कार्यालय, महिला एवं बाल विकास

छतरपुर. जिले में 211 आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण एक साल से चल रहा है। लेकिन अभी तक केवल 45 भवन ही बनकर तैयार हुए हैं। ग्राम पंचायतों को निर्माण एजेंसी बनाए जाने के कारण जिले 65 आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण की डेडलाइन पूर्ण हो चुकी है। इसके बाद भी पंचायतों आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण का कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण नहीं कर पाई है। दरअसल, आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण की लागत कम होने के जिला पंचायत ने पंचायतों को निर्माण एजेंसी बनाया है। इसके चलते सालभर बाद भी आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण की प्रोग्रेस आगे नहीं बढ़ पाई है।

15 पंचायतों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव


आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण की राशि निकालकर खुर्द बुर्द करने पर नोडल अधिकारी ने पंचायतों के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की है। इन पंचायतों के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की गई है। जानकारी अनुसार, पंचायतों के खिलाफ शिकंजा कसने के बाद अब आधा दर्जन के अंदर प्रारंभ होने के आसार बनने लगे हैं। डीपीओ का कहना है कि डेडलाइन से बाहर हुए निर्माण कार्यों की जानकारी एकत्रित प्रस्तावित की जाएगी।

पंचायतों को कम बजट का काम देने से हुई देरी


एक दर्जन पंचायतों ने दूसरे मद में राशि कर दी खर्च आंगनबाड़ी के भवन के निर्माण के लिए जिला पंचायत से राशि जारी होने के बाद पंचायतों राशि निकाल कर दूसरे मद में खर्च कर दी है। जानकारी के अनुसार आंगनबाड़ी भवन के निर्माण की राशि के दूसरे मद में खर्च होने के कारण कार्य समय-सीमा में प्रारंभ नहीं हो पाए है। बताया जाता है कि पंचायत के कार्यों की मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण बारिश से पहले भवन के निर्माण का काम प्रारंभ नहीं हो पाया है। ऐसे में बारिश के चलते आंगनबाड़ी के नए भवनों के निर्माण का कार्य प्रभावित होने के आसार बनने लगे हैं।

बकस्वाहा और नौगांव में ज्यादा देरी


आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण में नौगांव और बकस्वाहा के जिले में सबसे पीछे होने की जानकारी सामने आई है। इतना ही नहीं गौरिहार, बड़ामलहरा और छतरपुर में भी कई आंगनबाड़ी केंद्रों का कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है। जिले के राजनगर में भी 6 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण का कार्य ठंडे बस्ते में चला गया है। जानकार बताते हैं कि पंचायतों के द्वारा भवन का निर्माण प्रगति दर्शाकर आंकड़ों की बाजीगरी की जा रही है। इसके चलते आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण नहीं होने के कारण बच्चों को बारिश के सीजन में भी राहत नहीं मिल पाई है।

इनका कहना है


जिले में अप्रारंभ कार्यों की जिला पंचायत से टीएस और एएस जारी हो चुकी है। आंगनबाड़ी केंद्रों का शीघ्र निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा। ऐसी पंचायतें जिन्होंने राशि का दुरुपयोग किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित है। आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने वाली पंचायतों के खिलाफ भी कार्रवाई के प्रस्ताव भेजे जा रहे है।
राजीव सिंह, डीपीओ, महिला बाल विकास