
जांच के बिना ही बुजुर्ग महिला को बता दिया कोरोना पॉजिटिव, घर के बाहर बैरिकेड्स-पोस्टर लगाए
छतरपुर. मध्य प्रदेश में वैसे तो कोरोना की रफ्तार तेजी से बढ़ती जा रही है। वहीं, दूसरी तरफ जांच प्रक्रियां में सामने आई लापरवाही ने बड़े सवाल खड़े कर दिये हैं। दरअसल, सूबे के छतरपुर जिले में एक बुजुर्ग महिला की जांच किये बिना ही स्वास्थ महकमें ने उसे कोरोना पॉजिटिव घोषित कर दिया। यहीं नहीं, उसके घर के बाहर बैरिकेडिंग के साथ साथ संक्रमित एरिया होने के पोस्टर तक लगा दिये। मामले का खुलासा उस समय हुआ जब परिवार के लोगों ने इसपर आपत्ति जताई, तब स्वास्थ टीम दोबारा एक्टिव हुई और दो दिन की जांच के बाद महिला के घर से बैरिकेड और पोस्टर हटाए। अब सीएमएचओ कह रहे हैं कि, मामले में लापरवाही हुई है। कार्रवाई होगी।
बता दें कि, बीते 8 जनवरी को स्वास्थ्य महकमें ने जिले के गौरिहार नगर के वार्ड क्रमांक-10 में रहने वाली 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला रामप्यारी पटेल के घर पंहुंचकर उनसे कहा कि, आपने 5 जनवरी को जो कोरोना टेस्ट करवाया था, उसकी रिपोर्ट आ गई है। आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। आपको होम आइसोलेशन में रहना होगा। बुजुर्ग महिला घर में अपने बेटे शिवदास पटेल के साथ रहती हैं। टीम ने विधिवत महिला को निर्देशित किया कि, वो होम आइसोशन की अवधि में घर से बाहर नहीं निकलेंगी। यही नहीं, इस दौरान वो अपने बेटे, बहू से न ही नाती-पोतों से मिलेंगी।
मना करने के बाद भी लगाए बैरिकेड्स
इसपर बुजुर्ग महिला रामप्यारी ने स्वास्थ टीम को जवाब दिया कि, उन्होंने किसी तरह की जांच कराई ही नहीं, फिर वो पॉजिटिव कहां से साबित हो गईं। बेटे शिवदास ने भी टीम को काफी समझाया कि, जब उनकी मां ने कहीं जांच कराई ही नहीं तो फिर उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आना संभव कैसे है? इस सब के बावजूद प्रशासनिक अमले ने उनकी एक नहीं सुनी। उनके मकान के बाहर कंटेनमेंट एरिया का एक बैनर लगाकर बांस के सहारे बंद करके कंटेंटमेंट होम घोषित कर दिया।
मामले को तूल पकड़ता देख फिर महिला के घर पहुंचे कर्मचारी
इतना सब होने के बाद भी बुजुर्ग महिला और उसके परिजन शांत नहीं रहे। वो लगातार इस मामले पर आपत्ति जताते रहे, जिसके परिणाम स्वरूप मामले को तूल पकड़ता देख विभाग के कर्मचारी एक बार फिर महिला के घर पहुंचे और उनके परिजन को मनाने लगे। इस दौरान टीम ने स्वीकार किया कि, उनसे गलती हुई है, उन्होंने परिवार के लोगों से शांत रहने को भी कहा। इसके बाद 10 जनवरी को विभाग ने महिला के घर से बैरिकेड्स और बैनर हटा दिए।
जिम्मेदारों ने मानी बड़ी गलती
मामले के तूल पकड़ने के बाद गौरिहार बीएमओ डॉ. एस प्रजापति ने बताया कि, ये बड़ी लापरवाही है। पुराना डाटा कम्प्यूटर में दिखाया होगा। संभावना ये भी है कि, संबंधित कर्मचारी ने भी टारगेट पूरा करने के लिए ऐसा किया हो। इसके अलावा सीएमएचओ डॉ. विजय पथौरिया का कहना है कि, ये मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। अगर ऐसा है तो इसे छोटी मोटी लापरवाही नहीं माना जा सकता, ये एक गंभीर गलती है। मैं दिखवाता हूूं, दोषियों व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
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Published on:
12 Jan 2022 04:15 pm
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