
Jagpin Breweries liquor factory toxic waste water pollution chhatarpur (फोटो- सोशल मीडिया)
liquor factory toxic waste:छतरपुर के नौगांव क्षेत्र में स्थित जैगपिन ब्रेवरीज लिमिटेड (Jagpin Breweries Limited) से निकलने वाला वेस्टेज और जहरीला कैमिकल युक्त पानी अब गंभीर जनस्वास्थ्य और पर्यावरण संकट का कारण बनता जा रहा है। फैक्ट्री से करीब एक किलोमीटर तक का जल स्रोत पूरी तरह प्रदूषित हो चुका है, और चार से पांच किलोमीटर की परिधि में बसे आधा दर्जन गांव बदबू और स्वास्थ्य समस्याओं से त्रस्त हैं। इस फैक्ट्री को कॉक्स इंडिया डिस्टलरी (Cox India Distillery) के नाम से भी जाना जाता है। (MP News)
कॉक्स इंडिया डिस्टलरी द्वारा उत्पादन के बाद छोड़े जा रहे सड़े अनाज और केमिकल मिश्रित वेस्टेज को खुले में सुखाया जा रहा है। इससे उठने वाली तीव्र दुर्गंध ने न सिर्फ नौगांव, बल्कि चंद्रपुर, शिकारपुरा, चांदोरा, दोरिया, खम्मा, रावतपुरा और धवर्रा आदि गांवों के रहवासियों का जीना दूभर कर दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सुबह और शाम के समय यह बदबू और भी ज्यादा तीव्र हो जाती है, जिससे सिरदर्द, आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और उल्टी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। (MP News)
इस गंभीर स्थिति को लेकर मंगलवार को हुई जनसुनवाई में स्थानीय संगठनों ने एकजुट होकर विरोध जताया। सबसे पहले भाजपा मंडल अध्यक्ष गजेंद्र सोनकिया ने एसडीएम जीएस पटेल को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद गरबा महोत्सव समिति के सदस्यों ने फैक्ट्री के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। अंत में नगर कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप यादव के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फैक्ट्री के विरुद्ध मोर्चा खोलते हुए कार्रवाई की मांग की। एसडीएम जीएस पटेल, एसडीओपी अमित मेश्राम और तहसीलदार शाहिद भी मौके पर पहुंचे। (MP News)
नौगांव नगर में स्थित शराब फैक्ट्री से निकलने वाले कचरे और दुर्गंध को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री डॉ.वीरेंद्र कुमार खटीक (Union Minister Virendra Kumar Khatik) के काफिले को रोककर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस के नगर अध्यक्ष कुलदीप यादव ने हाथ जोड़कर मंत्री से निवेदन किया कि फैक्ट्री से निकलने वाला वेस्टिज नगरवासियों के लिए गंभीर परेशानी का कारण बन रहा है और कभी भी बड़ी दुर्घटना का रूप ले सकता है। उन्होंने मांग की कि इस समस्या का शीघ्र समाधान किया जाए।
स्थानीय किसानों और रहवासियों ने बताया कि फैक्ट्री से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी खुले नालों और सीलप नदी में प्रवाहित किया जा रहा है। इसके अलावा, एक भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से आधा किलोमीटर दूर स्थित नर्सरी क्षेत्र में रात के समय गंदा पानी छोड़ा जाता है, जिससे आस-पास के खेतों की फसलें जल रही हैं और मवेशी बीमार हो रहे हैं। कुएं, हैंडपंप और ट्यूबवेल तक प्रभावित हो चुके हैं, जिससे निकलने वाला पानी अब पीने और नहाने के योग्य नहीं बचा। ग्रामीणों का कहना है कि इस पानी से नहाने पर शरीर से बदबू आती है, खुजली और जलन की शिकायत होती है। (MP News)
किसान नरेंद्र यादव ने बताया कि सिंचाई के लिए जब वे इस पानी का उपयोग करते हैं तो फसलें सूख जाती हैं। वहीं शंकर सिंह यादव ने कहा कि फैक्ट्री ने पूरे क्षेत्र का जलस्तर और जल गुणवत्ता खराब कर दी है। बीएमओ डॉ. रविंद्र पटेल ने बताया कि इस तरह का दूषित जल पीने से किडनी की बीमारी और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है, विशेष रूप से गरीब तबके के मजदर वर्ग के बीच।
Updated on:
18 Sept 2025 01:39 pm
Published on:
18 Sept 2025 01:37 pm
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