
निजी विक्रेता ने ट्रक से ही रास्ते में किसानों को मुनाफाखोरी कर बेच दिया खाद
जिले में खाद वितरण को लेकर जिला कलेक्टर पार्थ जैसवाल सख्ती से निगरानी कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद कृषि विभाग और इफ्को कंपनी के अधिकारियों पर डीएपी और यूरिया खाद की कालाबाजारी करने के आरोप लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, जिले में जारी रैंक पॉइंट वितरण प्रोग्राम के आदेशों को गुमराह कर निजी व्यापारियों को लाभ पहुंचाया गया।
हरपालपुर रेलवे स्टेशन के रैंक पॉइंट पर सोमवार को इफ्को कंपनी की 2644.80 रैंक आई। इसमें डीएपी और यूरिया खाद के वितरण के लिए जिला कलेक्टर के अनुमोदित प्रोग्राम अनुसार काम होना था। लेकिन कृषि विभाग और इफ्को कंपनी के अधिकारियों ने इंदौर की माधव सेल को 80 मीट्रिक टन डीएपी और 110 मीट्रिक टन यूरिया खाद आवंटित कर महंगे दामों पर बेचने के लिए भेज दिया। इसके माध्यम से अन्य निजी व्यापारियों को खाद बेची गई। बिना कलेक्टर की अनुमति के दीपक खाद भंडार बमीठा, सोनी बीज भंडार बमीठा, शैलेश ट्रेडर्स अनगौर, शिवाय खाद बीज भंडार धमोरा, नौगरियां ट्रेडर्स कंपनी नौगांव जैसे व्यापारियों को डीएपी और यूरिया वितरण किया गया। जबकि हरपालपुर के अगेसन ट्रेडर्स को 30 मीट्रिक टन डीएपी आवंटित था, वह आज तक नहीं पहुंची। कुल मिलाकर लगभग 200 मीट्रिक खाद का अवैध रूप से निजी व्यापारियों को थमा दिया गया।
डीएपी खाद आवंटन प्रोग्राम में माधव सेल का नाम सूचीबद्ध नहीं था, न ही जिला कलेक्टर से कोई संशोधित आदेश जारी किया गया था। इसके बावजूद माधव सेल को स्टॉक आवंटित कर दिया गया, जिसे उसने रिटेलर और निजी व्यापारियों को महंगे दामों पर बेचा। सूत्रों के अनुसार, रैंक पॉइंट से ट्रक द्वारा डीएपी खाद निकाली गई और रास्ते में लगभग 20 बोरी 1700 रुपए की दर से किसानों को बेची गई। इस दौरान कृषि अधिकारी और अन्य अधिकारी डीएपी खाद के परिवहन पर नजर रख रहे थे, फिर भी बिना सरकारी आदेश के यह बिक्री हुई।
डॉ रविश सिंह उपसंचालक कृषि छतरपुर ने कहा कि माधव सेल इफ्को कंपनी का रिटेलर है। डीएपी और यूरिया खाद उनके पास दिया गया है। इस मामले में इंदर सिंह मेवाड़ से संपर्क कर जांच करवाई जाएगी।
Published on:
19 Sept 2025 10:40 am
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