scriptबिजली बिल अदा करने में नाकाम युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या | Youth failed to pay electricity bill, committed suicide by hanging | Patrika News

बिजली बिल अदा करने में नाकाम युवक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या

locationछतरपुरPublished: Dec 31, 2020 09:51:06 pm

Submitted by:

Dharmendra Singh

घटना के दूसरे दिन सामने आया सुसाइड नोट, सुसाइड नोट आने के बाद पुलिस ने शुरु की जांच
सुसाइड नोट में पार्थिव शरीर के अंग बेचकर बिजली बिल अदा करने की लिखी बात

अगले दिन सामने आया सुसाइड नोट

अगले दिन सामने आया सुसाइड नोट

छतरपुर। मातगुंवा के 35 वर्षीय युवक की आत्महत्या मामले में नया मोड़ आ गया है। युवक ने मरने से पहले सुसाइड नोट लिखकर अपने पार्थिव शरीर को प्रशासन को सुपुर्द करने और शरीर के अंग बेचकर बिजली बिल चुकाने की बात लिखी थी। मौत के अगले दिन सुसाइड नोट आने पर पुलिस ने मामले की जांच शुरु कर दी है। वहीं, मृतक के भाई लोकेन्द्र राजपूत का आरोप है कि बिजली कंपनी के लोग चक्की व बाइक जब्त कर ले गए और दुव्र्यवहार भी किया गया। उन्होंने ये भी कहा कि खरीफ की फसल न आने से वह बिल नहीं चुका पाया। लेकिन बिजली कंपनी ने उन्हें मौका नहीं दिया।
अगले दिन सामने आया सुसाइड नोट
युवक के सुसाइड नोट के मुताबिक बिजली बिल अदा करने में नाकाम रहने और बिजली विभाग के अधिकारियों की प्रताडऩा से तंग आकर आत्महत्या कर ली। युवक ने आत्महत्या के पूर्व सुसाइड नोट लिखा था। सूत्रों के अनुसार युवक ने 3 लेटर लिखे। जिसमें एक लेटर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दूसरा मध्य प्रदेश सरकार और तीसरा लेटर किसान भाइयों के लिए अपील थी। हालांकि अभी तक एक ही पत्र सामने आया है। इस मामले में थाना प्रभारी कमलजीत सिंह ने सुसाइड नोट मिलने की बात को स्वीकार करते हुए जांच की बात कही है।

88 हजार रुपए का बिल था बकाया
मुनेंद्र राजपूत तनय घनश्याम राजपूत उम्र 35 साल ने बुधवार की दोपहर करीब 1 बजे गांव में एक खेत पर लगे आम के पेड़ पर फांसी का फंदा डालकर आत्महत्या कर ली। मिली जानकारी के मुताबिक किसान मुनेंद्र बिजली विभाग का बकायादर था और उसे करीब 88 हजार के ऊपर की राशि अदा करनी थी, जिसे चुकाने में वह नाकाम साबित हो रहा था और बिजली विभाग की टीम द्वारा उसकी बाइक जब्त कर ली गई थी। इसके अलावा उसके साथ गाली गलौज भी की गई थी, जिससे क्षुब्ध होकर किसान ने आत्महत्या कर ली।
प्रशासन ने दी सफाई
कलेक्टर छतरपुर शीलेन्द्र सिंह ने बताया कि मृतक की मां हरबाई के नाम 5 एचपी विद्युत कनेक्शन स्वीकृत है जिस पर 88 हजार 508 रूपए का भुगतान 3 वर्षों से लंबित है। बकाया राशि वसूली के लिए अक्टूबर एवं नवम्बर माह में नोटिस जारी किए गए तथा दिसम्बर में आरआरसी जारी की गई। मृतक मुनेन्द्र राजपूत के नाम से कोई जमीन नहीं है। इनके पिता धनश्याम के नाम 2 हेक्टेयर जमीन है। मृतक मुनेन्द्र और इनके भाई लोकेन्द्र राजपूत की पत्नियों के नाम संयुक्त रूप से 0.027 हेक्टेयर भूमि है, किन्तु इन्हें पीएम किसान का लाभ नहीं मिल रहा है। मृतक के पिता धनश्याम द्वारा अक्टूबर 2020 में सेवा सहकारी समिति मातगुवां से खाद के लिए 14 हजार 200 रूपए का ऋण सहकारी समिति से लिया गया। मृतक मुनेन्द्र राजपूत की मां ग्राम में आटा पीसने की चक्की संचालित करती थी। मृतक के पिता घनश्याम लोधी को पीएम-सीएम किसान योजना का लाभ प्राप्त होता है। उन्हें अभी तक 5 किश्तों के रूप में 10 हजार रूपए की किसान सम्मान निधि दी जा चुकी है। वह पेंशनर होकर विद्युत वितरण कम्पनी से सेवानिवृत्त हुए हैं, जिसकी मासिक पेंशन 25 हजार 90 रूपए है और उसका भाई लोकेन्द्र वितरण केन्द्र छतरपुर ग्रामीण 1 में मीटर रीडर के पद पर बिजली विभाग में कार्यरत है। ग्राम मातगुवां के मृतक मुनेन्द्र राजपूत के परिजनों को 25 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी गई है।
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