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साइलेंट अटैक के मामलों में बढ़ोतरी, एक्सपर्ट ने बताए बचने के तरीके

silent attack: साइलेंट अटैक के बढ़ते मामलों ने सभी को चौंका दिया है। डॉ. विनित श्रीवास्तव ने इस चिंताजनक स्थिति पर अहम जानकारी दी और कोविड के साइड इफेक्ट्स को दोषी ठहराया।

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Dr Vinit Srivastava of Pandhurna civil hospital tells tips to avoid and detect silent attack in humans

silent attack: इन दिनों साइलेंट अटैक के अनेक उदाहरण देखने को मिल रहे हैं। हमारे बीच कई घटनाएं सामने आ रही है। जिनमें नाचते-नाचते या भाषण देते व्यक्ति की मौत हो जाती है। जो शाम को हंस बोल कर गया, पता चला वह सुबह नींद में ही चल बसा। इस प्रकार की घटनाओं से आम लोग भयभीत हैं। वहीं इन सब का कारण पता लगाने के लिए चिंतित नजर आ रहे हैं।

एक्सपर्ट ने बताया कारण

इस तरह के बढ़ते मामलों पर पत्रिका ने पांढुर्णा सिविल अस्पताल में पदस्थ डॉ. विनित श्रीवास्तव से जानकारी ली और घटनाओं का कारण जानना चाहा। इस पर डॉ. श्रीवास्तव ने मामलों को कोविड से जोड़कर बताया। उनका कहना है कि हम कभी सोच हीं नहीं सकते थे कि 18, 20, 22 साल के युवाओं को चेस्ट पेन हार्ट अटैक हो सकता है। कोविड बीमारी ने एक बहुत बड़े जनसमूह को अपनी चपेट में लिया था।

कई लोगों ने पॉजिटीव आने पर बीमारी का बराबर उपचार नहीं किया। जिसमें खून गाढ़ा होकर निमोनिया बीमारी होती थी। दवाएं देकर खून को पतला किया जाता था। कितने लोगों ने जांच न कर के खूद ही उपचार कर लिया। हो सकता है इनका खून गाढ़ा हुआ और उनके थक्के बनकर आज हार्ट अटैक का रूप ले रहे हैं। इसके लक्षण सामान्य रूप से सांसे फूलना, पसीना छूटना और छाती में दर्द है।

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ऐसे हो सकता है डिटेक्ट

डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि कोई भी इंसान एसीडीटी को नॉर्मल न लें। लंबे समय तक शरीर के अंदर एसीडीटी ही छाती के दर्द का मुय कारण होती है। ऐसा होने पर फौरन चिकित्सक की सलाह से दवाएं लेने की नसीहत दी है। सामान्य तौर पर गर्मी के दिनों में अटैक नहीं होता, परंतु गर्मी में भी कई अटैक के मामले सामने आ रहे हैं। डॉ. विनित श्रीवास्तव के अनुसार यह कोविड के साइडइफेक्ट हो सकते हैं, जिनसे बचने जरूरत है।