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बेटी की हत्या की सजा काट रहे पिता-भाई, 20 साल बाद आ गई सामने

पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल...रिपोर्ट में 206 की जगह दिखाई 210 हड्डियों की बरामदगी...

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छिंदवाड़ा. क्या कोई मरा हुआ इंसान जिंदा हो सकता है..जाहिर है नहीं और क्या किसी जिंदा इंसान की हत्या के आरोप में दो लोगों को सजा हो सकती है..तो इस सवाल का जवाब भी आप नहीं में देंगे। लेकिन ऐसा मध्यप्रदेश में संभव हुआ है पुलिस की उस फर्जी कहानी के जरिए जो पुलिस के बड़े अधिकारियों ने रची। एक अनसुलझी गुत्थी को सुलझाने की वाहवाही तो लूटी ही साथ ही दो निर्दोषों को जेल में भी डाल दिया। हैरानी जानकर ये भी होगी कि इस फर्जी कहानी को रचते वक्त पुलिस इतना भी भूल गई कि इंसान के शरीर में 206 हड्डियां होती हैं लेकिन इंवेस्टीगेशन रिपोर्ट में पुलिस ने 210 हड्डियों की बरामदगी दर्शा दी। तो चलिए आपको ये पूरा मामला बताते हैं..

जिंदा बेटी की हत्या के आरोप में पिता-भाई को जेल
पुलिस की फर्जी कहानी का ये मामला सामने आया है छिंदवाड़ा जिले में। जहां सिंगौड़ी चौकी के जोपनला गांव में करीब 20 साल बाद जब एक युवती अपने घर पहुंची तो पूरा गांव उसे देखकर हैरान रह गया। दरअसल ये वही युवती थी जिसकी हत्या के आरोप में उसका पिता व भाई बीते दो साल से जेल में बंद हैं। हैरानी की वजह ये भी थी कि पुलिस की तफ्तीश में तो उस लड़की हड्डियां भी खेत में गड़ी हुई मिली थीं। दरअसल ये युवती करीब 20 साल पहले 2014 में घर से लापता हो गई थी।

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अब जानिए पुलिस की कहानी
सालों से अनसुलझी युवती की गुमशुदगी की गुत्थी को दो साल 2021 में सुलझाने का दावा किया और जो कहानी बनाई उसके मुताबिक 13 जून 2014 को युवती के भाई सोनू ने अपने पिता के साथ मिलकर लाठी से बहन की हत्या की थी और शव को घर के पास वाले खेत में ले जाकर दफन कर दिया था। जिसकी बरामदगी भी पुलिस ने 2021 में तमाम गवाहों के बीच दर्शाई और पंचनामा बनाया। इसके बाद लापता लड़की के भाई और पिता से न जाने किस तरह से ये कबूल भी करवा लिया कि उन्होंने ने ही हत्या की है। कोर्ट में चालान पेश किया गया जहां से वाहवाही लूटी और बेटी की हत्या के आरोप में पिता व भाई को जेल भेज दिया गया।

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210 हड्डियों की बरामदगी दर्शाई
इस मामले में कई ऐसी बातें हैं जो अब लड़की के वापस आने के बाद पुलिस की गले की हड्डी बनते नजर आ रहे हैं। दरअसल वापस आने के बाद युवती ने पुलिस में अपनी आमद दर्ज कराते हुए ये बता दिया है कि वो जिंदा है और अपनी मर्जी से घर से भागी थी। जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कैसे पुलिस ने युवती के पिता व भाई से उनका जुर्म कबूल करा लिया? जमीन खोदकर कंकाल की 210 हड्डियों की बरामदगी पुलिस ने दिखाई जबकि इंसान के शरीर में सिर्फ 206 हड्डियां होती हैं। वारदात के 7 साल बाद भी हड्डियों की बरामदगी होना आश्चर्यजनक है।

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अब मामले को दबाने में लगी पुलिस
जिस लड़की को पुलिस जमीन में दफन बताकर पिता-भाई को जेल भेज चुकी है अब वो सामने आ चुकी है और पुलिस के सामने खड़ी है। इस बात को लेकर चौकी प्रभारी का कहना है कि जिस वक्त का ये सारा मामला है तब वो यहां पोस्टेड नहीं थे इसलिए उन्हें पूरे मामले की जानकारी नहीं है जांच के बाद ही कुछ कह पाएंगे। नाबालिग का मामला होने के कारण 2 साल पहले इस मामले की जांच अमरवाड़ा में पदस्थ जिन एसडीओपी ने की थी उनका भी ट्रांसफर हो चुका है इसलिए वर्तमान अधिकारी भी कुछ कहने से बच रहे हैं।

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