
News for kids: बच्चों के लिए फास्ट फूड खतरनाक, डांटने के बजाए करें शिक्षित
छिंदवाड़ा. रोटी सब्जी को देखकर अक्सर मुंह बनाने वाले बच्चे फास्ट फूड का नाम सुनते ही खुश हो जाते हैं। माता-पिता भी बच्चे के चेहरे पर खुशी देखने के लिए न चाहते हुए थी उन्हें फास्ट फूड खाने की परमिशन दे देते हैं। हालांकि यह खतरनाक है। फास्ट फूड खाने में भले ही टेस्टी लगता हो लेकिन इसका सेवन कही से भी लाभप्रद नहीं है। इस वजह से बच्चे मोटापा का शिकार हो रहे हैं। थुल-थुल करते मोटे बच्चे स्फूर्ति के अभाव में सर्कियता नहीं दिखा पाते। शारीरिक एवं मानसिक श्रम के अभाव में बच्चों के शरीर तथा मस्तिष्क अभी से थकने लगे हैं। अगर आपको अपने बच्चे को फास्ट फूड से बचाना है तो जरूरी है कि उसे डांटने की बजाए शिक्षित करें। ऑनलाइन कई वीडियो हैं जो बच्चे को अच्छी तरह समझा सकते हैं। डॉक्टरों के अनुसार फास्ट फूड में अत्यधिक वसा, शुगर तथा अन्य कई हानिकारक तत्व मिले हुए होते हैं, जो अनेक रोगों का कारण हैं। कोल्ड ड्रिंक में कार्बन, एसिड, शुगर व प्रिजरवेटिव होते हैं। ये एसिड हड्डियों में कैल्शियम एवं फॉस्फोरस को कम कर देते हैं। केक और पेस्ट्री जैसे बेकरी उत्पादों में शुगर, मैदा और चिकनाई की अधिकता मोटापा बढ़ाती है, जिससे डायबिटिज होने की संभावना बढ़ जाती है। चाइनीज फूड में अत्याधिक कार्बोहाइड्रेट और मसाले होते हैं। इनके अधिक सेवन से पेप्टिक अल्सर तथा डायरिया जैसे रोग हो सकते हैं। लगातार जंक फूड का सेवन टीनएजर्स में डिप्रेशन का कारण बन सकता है। फास्ट फूड से हार्मोंस में बदलाव भी आने लगते हैं, जिससे बच्चों का व्यवहार और नेचर प्रभावित होता है। इसके अलावा उनमें कई तरह के बायलॉजिकल बदलाव आने लगते हैं। इन खाद्य पदार्थों में मौजूद ट्रांसफैट शरीर में उपस्थित लाभदायक फैट को रिप्लेस कर देता है, जिससे दिमाग की कार्यक्षमता बुरी तरह प्रभावित होती है। जो बच्चे जंक फूड पर ज्यादा आश्रित रहते हैं उनमें डिप्रेशन की संभावना ज्यादा रहती है।
फास्ट फूड के विकल्प
डायटिशियन अभिलाषा सोनी कहती हैं कि फास्ट फूड के कई विकल्प हैं जो बच्चों को टेस्ट में भी काफी पसंद आएंगे। उन्होंने बताया कि अक्सर बच्चे शाम को ही फास्ट फूड की ज्यादा डिमांड करते हैं। ऐसे में उन्हें वेजिटेबल कटलेट, ***** वीट वेजिटेबल पिज्जा, ***** ग्रीन वर्मीसिली (सेवई) उपमा, एगरोल विद मल्टीग्रीन चपाती, मिनी वेजिटेबल इडली, रागी उतपम, मिक्स वेज फिलिंग फॉर डोसा दे सकते हैं। इसके अलावा भी कई विकल्प हैं।
मां-बाप का आलसी होना भी कारण
अक्सर यह भी देखने को आ रहा है कि मां-बाप आलस के कारण भी बच्चे को पिज्जा, बर्गर खाने को बढ़ावा देते हैं। अगर वह समय निकालें और घर पर ही पौष्टिक भोजन बनाकर दें तो बच्चे फास्ट फूड की तरफ ध्यान नहीं देंगे। वहीं कई लोगों का कहना है कि आजकल फास्ट फूड स्टेटस सिंबल भी बनता जा रहा है।
हो सकती हैं यह बीमारियां
डायबिटिज
फास्ट फूड में शुगर की मात्रा काफी ज्यादा होने की वजह से ये कम उम्र में ही डायबिटीज का खतरा काफी बढ़ा सकता है।
थकान और सुस्ती
फास्ट फूड भूख को तो मिटाता है, लेकिन शरीर को जरूरी पोषण देने में असमर्थ रहता है। फास्ट फूड में सिर्फ कार्बोहाइड्रेड, शुगर और फैट होता है, जिससे वजन बढ़ता है, शरीर को तात्कालिक ऊर्जा मिलती है, लेकिन पोषण नहीं मिल पाता है। इससे शरीर लंबे समय में सुस्त हो जाता है और थकान रहने लगती है।
मोटापा
बच्चे अगर फास्ट फूड खाते है, तो वह मोटापो का शिकार भी हो सकते हैं। फास्ट फूड में मौजूद फैट मोटापा बढ़ाने के साथ कई बीकारियों को भी न्योता देता है।
पोषक तत्वों की कमी
नियमित जंक फूड खाने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। जिससे बच्चों का शरीर कमजोर हो जाता है।
इनका कहना है..
फास्टफूड खाने से मैदा हमारी आंतों की अंदरूनी दिवार पर जमती जाती है। जिसके कारण हमारे ब्लड में पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते और हमारे शरीर में विभिन्न पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। जिसके फलस्वरूप बीमारी होती है। अभिलाषा सोनी, डायटिशियन
Published on:
19 Jun 2023 11:49 am
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