
RSS University: कॉलेजों में सैकड़ों विद्यार्थी फेल, विश्वविद्यालय विशेष प्रावधान के लिए भेज रहा प्रस्ताव
छिंदवाड़ा. राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय, छिंदवाड़ा ने बीते दिनों स्नातकोत्तर के विभिन्न सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम घोषित किए हैं। जिसमें सैकड़ों विद्यार्थी दो से अधिक विषय में फेल हो गए हैं। बड़ी बात यह है कि फेल होने वाले विद्यार्थियों में न सिर्फ छिंदवाड़ा जिले के बल्कि विश्वविद्यालय से संबद्ध सिवनी, बालाघाट, बैतूल के भी शामिल हैं। कुछ कॉलेजों में तो स्थिति ऐसी है कि 100 में से 80 विद्यार्थी फेल हो गए हैं। नियम के अनुसार अगर विद्यार्थी दो से कम विषय में फेल होता है तो उसे उस विषय में एटीकेटी दे दी जाती है और वह दूसरे सेमेस्टर में प्रोन्नत हो जाता है, लेकिन अगर दो से अधिक विषय में फेल होता है तो उसे उसी सेमेस्टर में पढऩा होगा। गौरतलब है कि कोविड की वजह से मार्च 2019 में कोरोना की पहली लहर की वजह से कॉलेज बंद हो गए। इसके बाद विद्यार्थियों को घर पर ही रहकर अध्यापन करना पड़ा। विद्यार्थियों को एक साल पिछले कक्षा में प्राप्त अंक एवं अन्य नियमों के आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश दे दिया गया। इसके बाद कोरोना के हालात कुछ सामान्य हुए तो ओपन बुक पद्धति से परीक्षा आयोजित हुई। ऐसे में विद्यार्थियों को शैक्षणिक माहौल नहीं मिल पाया। कॉलेज में अध्यापन कार्य न होने से शिक्षा का स्तर भी गिर गया। उच्च शिक्षा विभाग ने वर्ष 2022 में विद्यार्थियों की ऑफलाइन मोड में परीक्षा आयोजित करने का आदेश जारी किया। राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय ने फरवरी 2022 में स्नातकोत्तर में विभिन्न सेमेस्टर में अध्ययनरत विद्यार्थियों की ऑफलाइन मोड से परीक्षा आयोजित की। कुछ सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम जून माह में जारी हो गए हैं। जिसमें कई विद्यार्थी फेल हो गए हैं। हालांकि विद्यार्थियों का कहना है कि उन्होंने अधिकतर प्रश्नों को हल किया है। भले ही उन्हें उत्कृष्ट अंक न मिले, लेकिन वे फेल नहीं हो सकते। विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के भविष्य से खेल रहा है। विद्यार्थियों ने उत्तरपुस्तिका का दोबारा मूल्यांकन कराने की मांग की है।
पुनर्गणना का है प्रावधान
शिक्षा से जुड़े जानकारों का कहना है कि सेमेस्टर पद्धति में पूर्न मूल्यांकन का प्रावधान नहीं होता है। विद्यार्थी पूर्नगणना करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें विश्वविद्यालय में आवेदन करना होगा। जिसमें पैसे खर्च होंगे।
मंत्री ने दिए थे निर्देश
बताया जाता है कि फरवरी में उच्च शिक्षा विभाग मंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से विश्वविद्यालय एवं कॉलेज प्राचार्य से संवाद किया था। कहा था कि कोविड के बाद पहली बार कॉलेजों की ऑफलाइन परीक्षा हो रही है। इसलिए मूल्यांकन ऐसा करें कि विद्यार्थियों का भविष्य खराब न हो। इसके बावजूद भी अधिक संख्या में विद्यार्थियों को फेल कर दिया गया।
इनका कहना है...
काफी संख्या में विद्यार्थी दो से अधिक विषय में फेल हो गए हैं। मैंने विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद की बैठक आयोजित की थी। जिसमें यह निर्णय लिया गया कि जो शासन के नियम है उसी अनुसार कार्य किया जाए। वहीं कॉलेज प्राचार्य एवं विद्यार्थियों के साथ भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग में चर्चा की गई। विश्वविद्यालय विशेष प्रावधान के लिए उच्च शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेज रहा है। मार्गदर्शन मिलने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
डॉ. एमके श्रीवास्तव, कुलपति, आरएसएस विश्वविद्यालय, छिं.
Published on:
28 Jun 2022 01:59 pm
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