
Lok Sabha Election 2024 : एक ही पार्टी में रहकर एक-दूसरे के धुर विरोधी माने जाने वाले भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी व चित्तौडग़ढ़ विधायक चन्द्रभानसिंह आक्या के बीच पैदा हुई दूरियों को आखिर मुख्यमंत्री ने पाट दिया है। भाजपा से टिकट कटने के बाद आक्या अभी निर्दलीय विधायक है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने संगठन का एक बड़ा विवाद सुलझा दिया। उन्होंने चित्तौड़गढ़ सांसद व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी व निर्दलीय विधायक चंद्रभान सिंह के बीच मुलाकात करवाई। इस दौरान पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी भी मौजूद रहे।
सीएम हाउस में हुई बैठक
राजनीतिक सूत्रों की मानें तो सीएम हाउस में शनिवार को रात करीब एक बजे तक इस मसले को लेकर बैठक हुई। बाद में मुख्यमंत्री व पूर्व मंत्री कृपलानी के साथ प्रदेशाध्यक्ष जोशी व विधायक आक्या का फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। समझा जाता है कि जोशी व आक्या के एक दूसरे से गिले शिकवे मुख्यमंत्री के सामने ही दूर कर दिए गए। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा दो बार लगातार विधायक रहे आक्या का टिकट काटकर पूर्व मंत्री नरपतसिंह राजवी को प्रत्याशी बना दिया था। इस बात से नाराज आक्या ने उस समय प्रदेशाध्यक्ष जोशी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उनका टिकट कटवाया दिया। जबकि जोशी का कहना था कि यह पार्टी का निर्णय था।
निर्दलीय जीते थे आक्या
इसके बाद आक्या ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और त्रिकोणीय संघर्ष में विजयी रहे और जीत के अगले ही दिन दिल्ली पहुंचकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भाजपा के प्रति अपना समर्थन सौंप दिया था। राजनीतिक सूत्रों की मानें तो भीलवाड़ा में विधायक अशोक कोठारी व चित्तौडग़ढ़ में विधायक चन्द्रभानसिंह पर संघ का वृह्दहस्त रहा। चित्तौड़गढ़ में तो भाजपा की जमानत जब्त हो गई थी। टिकट कटने के बाद से ही जोशी और आक्या के बीच राजनीतिक दूरियां बढ़ गई थी। अब सीएम के दखल के बाद दोनों की मुलाकात हुई है। भाजपा ने सीपी जोशी को फिर से चित्तौडग़ढ़ लोकसभा से उम्मीदवार घोषित किया है।
जोशी-आक्या एकता से पार्टी को मिलेगी मजबूती
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष व विधायक आक्या में राजनीतिक दूरियों के चलते सोशल मीडिया पर कई तरह की चर्चाएं चल रही थीं। अब दोनों नेताओं में सुलह होने से जहां भाजपा को मजबूती मिलेगी। वहीं इतने दिनों तक पार्टी से दूर रहे कार्यकर्ताओं में भी उत्साह का संचार होगा।
आक्या की भाजपा में एंट्री की तैयारी !
विधायक आक्या ने चुनाव लड़ने के दौरान व जीत दर्ज करने के बाद सार्वजनिक रूप से बयान दिए थे कि पार्टी की सीट बचाने के लिए वह निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं और उनकी विचारधारा में कोई बदलाव नहीं हुआ है और भविष्य में भी नहीं होगा। अब प्रदेशाध्यक्ष जोशी व आक्या की सीएम की मौजूदगी में मुलाकात के बाद आक्या की भाजपा में एंट्री की संभावना बढ़ गई है। राजनीतिक गलियारे में आक्या और उनके समर्थकों की ससम्मान घर वापसी जल्द ही होने की संभावना जताई जा रही है।
Updated on:
18 Mar 2024 12:14 pm
Published on:
18 Mar 2024 12:03 pm
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