
फाइल फोटो पत्रिका
Rajasthan : प्रदेश में पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने को लेकर पिछले चल रही चर्चा पर राज्य सरकार ने विराम लगा दिया है। गृह विभाग का कहना है कि सरकार के पास न तो मैस और वर्दी भत्ता बढ़ाने और साप्ताहिक अवकाश देने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। सरकार के इस जवाब से पुलिसकर्मियों में निराशा है।
राज्य सरकार के गृह विभाग के संयुक्त शासन सचिव राकेश राजोरिया की ओर से विधानसभा में पेश किए गए जवाब में बताया कि राजस्थान पुलिस के पुलिसकर्मियों को हार्ड ड्यूटी अलाउंस के अलावा पांच हजार रुपए मासिक रिस्क भत्ता देने संबंधी भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। एसीबी, एसओजी, एटीएस शाखाओं में जोखिम भत्ते के रूप में अलग-अलग भत्ता दिया जा रहा है।
करीब छह साल पहले राजस्थान पुलिस के मुखिया ने पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने के लिए जिला पुलिस अधीक्षकों एवं डीसीपी से फीडबैक मांगा था। जिसके तहत एसपी व डीसीपी स्तर के अधिकारियों ने पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर संपर्क सभाएं की और रिपोर्ट डीजीपी को भेजी थी। उस समय पुलिसकर्मियों ने भी विभिन्न माध्यमों से अपनी बात सरकार व विभागीय अधिकारियों तक पहुंचाई थी। पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में प्रस्ताव सरकार को भेजने की बात भी की थी।
संपर्क सभा के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिसकर्मियों की मौजूदगी रखने के साथ यह राय भी ली गई कि उनको साप्ताहिक अवकाश कैसे दिया जाए। ताकि पुलिस थानों की व्यवस्था में कोई परेशानी नहीं आए। इस प्रस्ताव के तहत पुलिस ने प्रारंभिक तौर पर थाना प्रभारी व कंपनी कमांडर और अधीनस्थ कर्मचारियों को अवकाश देने की योजना बनाई थी। यह भी तय किया गया कि रात्रि ड्यूटी करने के बाद पूरे 24 घंटे का विश्राम सप्ताह में एक बार दिया जाएगा।
Published on:
31 Aug 2025 01:02 pm
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