आशापुरा कॉलोनी निवासी भोपाल सिंह की बुधवार को मृत्यु हो गई थी। उनकी तीन विवाहित पुत्रियों और एक पुत्र में घरेलू विवाद को लेकर झगड़ा हो गया। इसके बाद पुत्र शव को मार्चरी में ही छोड़ कर चला गया। इसके बाद वृद्ध की पुत्रियों ने शव को कांधा दिया और मुखाग्नि दी।
मोर्चरी में हुआ विवाद
गुरुवार को मोर्चरी में तीनों पुत्रियों और पुत्र में विवाद हो गया। इस पर पुत्र पिता का शव मोर्चरी में ही छोड़ कर कोटा वापस चला गया। इसके बाद तीनों बहनों ने बेटे का फर्ज निभाते हुए पिता के शव को कांधा दिया और श्मशान में मुखाग्नि दी।
यह था मामला
सुरजनिया साड़ास निवासी भोपाल सिंह (80) सेवानिवृत्ति के बाद से चित्तौडग़ढ़ की आशापुरा कॉलोनी में रह रहे थे। उनकी तीन पुत्रियां शादी के बाद जोधपुर, बांसवाड़ा और कोटा में रह रही हैं। वहीं, उनका पुत्र भी कोटा में ही रह रहा है। बुधवार को बेेटियों ने पिता को फोन किया तो फोन नहीं उठा, इस पर बेटियों ने पड़ोसियों को फोन किया। पड़ोसियों ने दरवाजा खटखटाया तो नहीं खुला, इस पर दरवाजा तोड़ कर देखा तो भोपालसिंह मृत मिले। पड़ोसियों ने इसकी सूचना तीनों पुत्रियों और पुत्र को दी।