खण्डवा पटटा के उदाराम ने बताया कि वर्तमान में यहां भाजपा व कांग्रेस की यथा स्थिति है। सरकार के प्रति नाराजगी का लाभ कांग्रेस को मिल सकता है। दोनों ही दलों के नेता क्षेत्र में सक्रिय हैं। इसी प्रकार बालरासर आथूण के रामूराम ने बताया कि गांव के इस बूथ पर कांग्रेस की स्थिति बेहतर रही है। यदि प्रत्याशियों में बदलाव होता है तो यहां के चुनावी समीकरण भी बदलेंगे।
सादुलपुर में भाजपा -कांग्रेस के लिए राह आसान नहीं है। यहां बसपा के वर्तमान में विधायक हैं और वे प्रत्येक बूथ पर पकड़ बनाने में जुटे हैं। जिन बूथों पर बसपा कमजोर थी आज वहां बेहतर स्थिति है। कुछ बूथों पर कांग्रेस और कुछ पर भाजपा ने बढ़त बनाई है। रतनगढ़ में जिन बूथों पर भाजपा कमजोर थी वहां स्थिति सुधरी है। कांग्रेस ने बढ़त बनाई है। सुजानगढ़ में भाजपा बूथ पर फोकस कर रही है। सरदारशहर में कांग्रेस कुछ बूथों पर कमजोर हुई है। तारानगर में जिन बूथों पर भाजपा-कांग्रेस ने पिछले चुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया था। वर्तमान में इन बूथों पर स्थिति को बेहतर नहीं कहा जा सकता है।
जिले में जिन बूथों पर जिस पार्टी के पक्ष में मतदान अधिक हुआ है। वहां प्रत्याशियों के व्यक्तिगत जुड़ाव और जातिगत समीकरणों के कारण मतदान बढ़ा है। जिन स्थानों पर कांग्रेस को सर्वाधिक मतदान मिले हैं। वे कांग्रेस का निश्चित और व्यक्तिगत प्रभाव वाले वोट थे। खडवा पटटा, बालरासर आथुण, नानी बाई मड़दा, जैनश्वेतांबर स्कूल और राउप्रावि नंबर १५ में बनाए गए बूथ शामिल हैं। वहीं भाजपा के व्यक्तिगत प्रभाव वाले बूथ कोटवाद ताल, कुणसीसर, रामपुरा बास जसरासर, घंटेल और धानुका धर्मशाला में बनाए गए बूथ भाजपा के प्रभाव में है।यहां भाजपा ने शानदार बढ़ोतरी दर्ज की है।