
चूरू. सावों के इस मौसम में चल रही शादियों के बीच शहर में रविवार को हुई एक अनूठी शादी जनचर्चा का विषय और हर किसी के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई। दरअसल हुआ यूं कि समाचार पत्रों में आए दिन प्रकाशित होने वाली सडक़ हादसों में जिंदगी गंवा रहे लोगों की खबरें शहर के भवानीशंकर बालान को अंदर तक झकझोर देती थी। आमजन को ऐसे हादसों में सुरक्षित बचाने के लिए एक नया संदेश देने की सोच रहे थे। मगर वे ये तय नहीं कर पा रहे थे कि किस तरह इस सोच को अंजाम दिया जाए।
काफी सोच-विचार के बाद बालाण ने इस अच्छी सोच को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अपनी लाडली बेटी विनिता की शादी का दिन चुना। मगर वे ये तय नहीं कर पा रहे थे कि ये सपना कैसे पूरा किया जाए। ताकि शादी में आने वाला हर बाराती एक नया संदेश लेकर जाए और अन्य जनों को भी इससे पे्रेरणा मिल सके। मन की बात बड़े भाई मुरलीमनोहर और बेटे हेमंत व मदन गोपाल को बताई। काफी विचार-विमर्श के बाद सभी परिजनों ने मिलकर तय किया कि हर बाराती को जान जंवारी के रूप में हेलमेट दिया जाए।
ताकि वो दुपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अपनी आदत में शुमार करें। जाने-अनजाने में हादसा हो भी तो किसी की जिंदगी खत्म ना हो और कोई परिवार उजडऩे से बच सके।
दुल्हन के पिता भवानीशंकर बालान ने बताया कि सडक़ हादसों में आए दिन हो रही मौतों से किसी बहन-बेटी का सुहाग उजड़ रहा है। समाचार पत्रों में ये खबरें पढकऱ मन को पीड़ा होती है। इस वजह से परिजनों की सहमति से जान जंवारी में बारातियों को हेलमेट भेंट करने का निर्णय लिया। ताकि हादसों में किसी का सुहाग ना उजड़े।
पहले दे रहे थे चांदी का सिक्का
दुल्हन के भाई हेमंत ने बताया कि पहले शादी में बारातियों को जान जंवारी के रूप में परंपरागत रूप से चांदी के सिक्के देना तय किया गया था। मुंबई प्रवासी उद्योगपति दुल्हन के बड़े पापा मुरली मनोहर चांदी के सिक्के खरीद चुके थे। मगर जब घर में चर्चा चली तो सामने आया कि चांदी के सिक्के बाराती घर ले जाकर अल्मारी में रख लेंगे। इनका कोई सदुपयोग भी नहीं होगा। सुरक्षा का संदेश देने की बात चलने पर एनवक्त पर चांदी के सिक्के की जगह हेलमेट देना तय कर लिया।
Published on:
04 Dec 2017 11:32 am
बड़ी खबरें
View Allचूरू
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
