
चुरू। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार दक्षिण-पश्चिमी मानसून गुरुवार को केरल पहुंच गया। भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) ने मानसून आगमन की घोषणा करते हुए कहा कि अगले तीन-चार दिन में इसके कर्नाटक और तमिलनाडु पहुंचने के आसार हैं। गोवा और मुंबई में यह 17 जून तक दस्तक दे सकता है। दिल्ली में इसके जून के आखिर तक या जुलाई के पहले हफ्ते में पहुंचने की उम्मीद है। वहीं केरल में एंट्री के 25 दिन बाद मानसून राजस्थान में प्रवेश करता है। ऐसे में राजस्थान में मानसून 3 जुलाई तक प्रवेश कर सकता है। इस बीच मौसम विभाग ने चुरू, झुंझनू, अलवर, भरतपुर और धौलपुर जिलों में बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग का कहना है कि इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर की रफ्तार से अंधड़ चल सकता है।
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इस बीच मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवाती तूफान ’बिपारजॉय’ अगले 48 घंटों के दौरान और तीव्र होगा। तीन दिन में इसके उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ने के आसार हैं। इस दौरान 118 से 166 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलने का अनुमान है। हालांकि आईएमडी ने भारत, ओमान, ईरान और पाकिस्तान समेत अरब सागर से सटे देशों पर इसके किसी बड़े प्रभाव को लेकर कोई पूर्वानुमान नहीं जताया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवाती तूफान तीव्र हो रहे हैं। विज्ञानियों ने पहले बताया था कि चक्रवात ’बिपारजॉय’ मानसून की तीव्रता को प्रभावित कर रहा है, इसलिए केरल में इसकी शुरुआत हल्की होगी।
जलवायु परिवर्तन से बिगड़ी चाल
पिछले कुछ साल से मानसून की चाल बिगड़ी हुई है। कभी यह समय से पहले तो कभी देर से केरल पहुंचता है। पिछले साल 29 मई को केरल पहुंचा था। इसका आगमन 2021 में 3 जून, 2020 में 1 जून, 2019 में 8 जून और 2018 में 29 मई को हुआ था। पिछले 150 साल में यह 1918 में सबसे जल्दी (11 मई) और 1972 में सबसे देर (18 जून) से पहुंचा था।
Updated on:
09 Jun 2023 02:28 pm
Published on:
09 Jun 2023 02:25 pm
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