भैंसली के भूपसिंह पूनिया की शादी वर्ष 2015 में हरियाणा के जीतपुरा गांव निवासी मेनका से हुई थी। भूपसिंह को शुरू से ही अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था। शादी के बाद उसके 2016 व 2020 में दो बच्चे हुए। शक के चलते भूपसिंह को ऐसा लगता था कि दोनों बेटे उसके नहीं है। ऐसे में उसने अपने दोनों बेटो की हत्या की योजना बनाई।
भूप सिंह ने जीएनएम का कोर्स कर रखा है। वर्तमान में गांव के बस स्टैंड पर ही बालाजी मेडिकल स्टोर के नाम से दुकान चलाता है। इससे पहले राजगढ़ के भगवानी देवी अस्पताल में कंपाउंडर का कार्य करता था। हत्या की वारदात को अंजाम देने के लिए भूपसिंह ने मोबाइल पर ही जहर की खोज की। 28 जनवरी को उसने 88 साल की दादी किस्तुरी देवी की खांसी की दवा में जहर मिला कर खिला दिया।
घर में एक माह में तीन की मौत, 13 दिनों से लग रही रहस्यमय आग, डर के मारे उड़ी नींद
इससे किस्तुरीदेवी की तबीयत खराब हो गई और 31 जनवरी को उसकी मौत हो गई। उसके बाद उसने नौ फरवरी को गर्वित व 28 फरवरी को बड़े बेटे अनुराग को जहर देकर मार डाला। इस बीच पिछले कुछ दिनों से वह सोडियम के जरिए घर में खुद ही आग लगाता रहा, ताकि हत्या का मामला छिपा रहे। लोग तीन मौतों को स्वाभाविक मौत ही माने। शक होने पर पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो मामला उजागर हुआ।
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बचने के लिए सोडियम से लगाता रहा आग
एक माह में घर में हुई तीन मौतों के बाद उसके घर में लोगों की भीड़ बढ़ने लगी। हर कोई मौत का कारण जानना चाह रहा था। हालांकि इस दौरान किसी ने भी पुलिस को कोई सूचना नहीं दी। अंध विश्वास के चलते वहां पर कई तांत्रिक भी आने लगे। ऐसे में ध्यान भटकाने के लिए भूपसिंह ने अपने घर में सोडियम से आग लगाना शुरू कर दिया। सबसे पहले 2 मार्च को उसने अपनी पत्नी के कपड़ों को आग लगाई। इसके बाद रोज पांच से सात बार वह घर में सोडियम से आग लगाने लगा। गांव के लोग भी आग लगने का कारण नहीं जान पा रहे थे।