वहीं इस बार गणना में अभयारण्य में एक भेडिय़ा का इजाफा हुआ है। पिछली बार छह भेडि़ए मिले थे जबकि इस बार सात भेडि़ए मिले हैं। शिकार की प्रचूरता के कारण इनकी संख्या बढ़ रही है।
गणना के दौरान काले हरिण व चिंकारा के अलावा नील गाय, जंगली बिल्ली, रेगिस्तानी बिल्ली, रेगिस्तानी लोमड़ी, भारतीय लोमड़ी, बड्र्स ऑफ प्रे, मोर, सांडा, खरगोश, सेही, जंगली सुअर, गीदड़़, भेडिय़ा, तीतर, कुरजा मिली है। जिला वन संरक्षक बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि गणना का कार्य संपन्न हो गया है। एक-दो दिन में रिपोर्ट तैयार कर विभाग को सौंप दी जाएगी।
वहीं छापर अभयारण्य में एक बीमार कुरजां भी मिली है। जिसकी सेहत खराब बताई जा रही है। अन्य कुरजां 15 मार्च तक ही यहां से अपने देश वापस चली जाती हैं। एसीएफ सिंह ने बताया कि इसकी देखरेख के लिए कर्मचारी लगाए गए हैं।