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अब किसान बुवाई से पहले जान सकेंगे बीज की गुणवत्ता

locationचुरूPublished: Aug 10, 2018 05:46:26 pm

Submitted by:

Jyoti Patel

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अब किसान बुवाई से पहले जान सकेंगे बीज की गुणवत्ता

चूरू. सरकार की जल्द ही ऐसी योजना लाने वाली हैं, जिसमे किसान बुआई से पहले अपने उपखंड क्षेत्र में ही फसल के बीज की गुणवत्ता की जांच करवा सकेंगे। ऐसे में किसान बीज की गुणवत्ता में खामी की वजह से बुआई के बाद फसल खराब होने के कारण होने वाले नुकसान से बच सकेंगे। गौरतलब है कि चूरू जिले के किसानों को बुआई के बाद फसल खराब होने की स्थिति में बीज की जांच की जरूरत पडऩे पर फिलहाल बीकानेर, श्रीगंगानगर या जयपुर जाना पड़ता है। वहां समय काफी लगता है। ऐसे में आगामी वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने और इन्हें नुकसान से बचाने के उद्देश्य से सरकार ने राज्य के हर उपखंड क्षेत्र में एक मिनी बीज परीक्षण प्रयोगशाला तैयार करने की कवायद शुरू की है। प्रयोगशाला शुरू किए जाने से राज्य के हजारों बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा।
चूरू में खुलेंगी सात प्रयोगशालाएं

कृषि अधिकारी कुलदीप शर्मा ने बताया कि सरकार की योजना के मुताबिक जिले के चूरू, सादुलपुर, सुजानगढ़, रतनगढ़, तारानगर, सरदारशहर व बीदासर ब्लॉक में एक-एक मिनी बीज परीक्षण प्रयोगशाला शुरू की जाएगी। इसके लिए आवेदन मांगे गए हैं। जिसकी शर्ते कुछ इस प्रकार हैं।
ये हैं शर्तें –
– आवेदक का कृषि विषय में स्नातक व संबंधित उपखंड क्षेत्र का मूलनिवासी होना जरूरी है।
– आवेदक के पास २० वर्ग मीटर क्षेत्रफल की भूमि होनी जरूरी है। जिस पर आवेदक को स्वयं के खर्चे पर प्रयोगशाला तैयार करनी होगी।
– आवेदक को सरकार के साथ पांच साल का अनुबंध करना होगा। इससे पहले प्रयोगशाला बंद करने पर सरकार की ओर से मशीनों के लिए दी जाने वाली सब्सीडी राशि वापस सरेंडर करवाली जाएगी।
– आवेदक को आवेदन पत्र के साथ मूल निवास प्रमाण पत्र, कृषि में स्नातक का प्रमाण पत्र, फोटो व आधार कार्ड आदि संलग्न कर कृषि विभाग कार्यालय में जमा करवाने होंगे।
दो महीने का मिलेगा प्रशिक्षण

प्रयोगशाला स्थापना के लिए प्रत्येक ब्लॉक में आवेदक कृषि स्नातक का चयन उप निदेशक कृषि विस्तार की ओर से किया जाएगा। चयनित आवेदकों को सरकार की ओर से 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण एक सहायक उपलब्ध करवाया जाएगा। जो सरकार की ओर से अनुबंधित होगा। दोनों को प्रयोगशाला संचालन के लिए नेशनल सीड रिसर्च एवं ट्रेनिंग सेंटर वाराणसी यूपी में दो माह का प्रायोगिक व सैद्धांतिक प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। आवेदकों को प्रयोगशाला के लिए सरकार की ओर से तीन लाख रुपए कीमत के उपकरण मुहैया करवाए जाएंगे। जिनमें से एक लाख 80 हजार रुपए केंद्र सरकार व एक लाख 20 हजार रुपए राज्य सरकार वहन करेगी। प्रयोगशाला में मिलेंगे ये उपकरण बोरेनर डिवाइडर एक, सिंगल पेन एक, एनालिटिकल बैलेंस एक, प्योरिटी वर्क बोर्ड दो, कैबिनेट जर्मीनेटर एक, सैंपल पैन एक, पैट्री डिसेस, प्लास्टिक बॉक्स, हैंड लैंस एक। तय नहीं जांच दर व मानदेय इन प्रयोगशालाओं में आने वाले किसानों को बीज की जांच करवाने के लिए एक निश्चित राशि अदा करनी होगी। मगर अब तक सरकार की ओर से अब तक प्रयोगशाला में बीज जांच की दरें व अनुबंधित सहायक को दिया जाने वाला मानदेय तय नहीं किया है। राज्य के हर ब्लॉक में मिनी बीज परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इससे किसानों को बीज की जांच के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। कृषि विषय में स्नातक कर चुके युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
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