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Rajasthan Assembly Election: सड़कें अच्छी, हवेलियां खास…पेयजल और सिंचाई परियोजनाओं से आस

Rajasthan Assembly Election 2023: चूरू के हाल जानने के बाद मैं सरदारशहर की ओर रवाना हुआ। चूरू शहर में सडक़ों हाल ठीक थे। बाहर निकले तो देखा कि सडक़ों के मामले में यह जिला कहीं पीछे नहीं है।

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चूरू

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Santosh Trivedi

Jun 10, 2023

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ओमप्रकाश शर्मा/ चूरू. Rajasthan Assembly Election 2023: चूरू के हाल जानने के बाद मैं सरदारशहर की ओर रवाना हुआ। चूरू शहर में सडक़ों हाल ठीक थे। बाहर निकले तो देखा कि सडक़ों के मामले में यह जिला कहीं पीछे नहीं है। भालेरी होते हुए सरदारशहर पहुंचा। यहां ग्रामीण क्षेत्र में कई गांव सिंचाई परियोजना से जुडऩे का इंतजार में हैं।

बिल्लूबास रामपुरा के धनपत ने बताया कि सिंचाई परियोजना का काम जिस गति से चल रहा है, वह चिंताजनक है। कई गांव ऐसे हैं, जहां अभी तक पानी नहीं पहुंचा। चौदह किलोमीटर पाइपलाइन का टेंडर हुआ था। करीब तेरह किलोमीटर तक काम होने के बाद रुक गया। आस-पास के करीब चालीस गांव इससे जुडऩे हैं। इसी तरह राजगढ़ क्षेत्र में भी किसान सिंचाई परियोजना से जुडऩे की आस लगाए बैठे हैं। यहां सिद्धमुख नगर नहर परियोजना से गांवों को जोडऩे के कई वादे किए जाते है। नहर से सीकर को भी जोडऩे के सपने दिखाए गए थे। हालांकि अभी तक कुछ गांवों को ही जोड़ा गया है। इसी बजट में तहसील का दर्जा पाने वाले सिद्धमुख क्षेत्र के भी मात्र 14 गांव इससे जुड़े हैं। जहां पानी पहुंचा वहां भी पानी चोरी होने के मामले अधिक हैं। किसानों की शिकायतों के बाद पानी चोरी की मामलों में कमी नहीं आई है। किसानों ने संघर्ष समिति बना रखी है, जो लम्बे से इसके लिए आंदोलनरत है।
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विकास बेहतर...हवेलियों पर ताले
इस क्षेत्र के बाद मैं सरदारशहर पहुंचा। वहां प्रवेश वाली सडक़ पर ही अंदाजा लग गया कि शहर में विकास कार्य बेहतर हैं। चूरू की तरह यहां भी कई हवेलियां हैं, जिनके दरवाजे पर ताले लगे हैं। विकास कार्य को लेकर खास शिकायत यहां नहीं दिखी। हालांकि सरदार शहर में ड्रेनेज के बिगड़े हाल से लोग परेशान दिखे। बाजार में घंटाघर के पास बाजार में रामनरेश ने बताया कि यह जो साफ सडक़ दिख रही है, थोड़ी से बरसात होने पर तालाब बनते देर नहीं लगती।


बिजली तारों में ‘करंट’ नहीं, 4-5 घंटे ही सप्लाई
यहां से फिर ग्रामीण क्षेत्र की ओर रवाना हुआ तो कुछ किलोमीटर आगे गोगासर गांव में रुका। यहां अस्पताल, डाकघर जैसी सभी सुविधाएं थीं। किसान देवकीनंदन ने बताया कि सिंचाई के लिए भू-जल स्तर यहां अभी ठीक है, लेकिन बिजली आपूर्ति सुचारू नहीं है। दिन में औसतन पांच घंटे भी बिजली नहीं मिल रही है। आवारा पशुओं से किसान परेशान हैं। गोगासर के लोगों ने अपने स्तर पर ही इस समस्या का समाधान निकाल लिया है। गांव ने अपने स्तर गोशाला स्थापित की है। गोशाला में व्यवस्था संभालने वाले शीशराम जाट ने बताया कि यहां तीन सौ से अधिक गायें है।
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बीस रुपए कैन के हिसाब से खरीद रहे पीने का पानी
गोगासर से निकलते ही रतनगढ़ विधानसभा क्षेत्र शुरू हुआ। यहां हाईवे पर स्थित लोह गांव में रुके। सरकारी व्यवस्था की पोल यहां देखने को मिली। सरदारशहर, रतनगढ़ व सुजानगढ़ को पेयजल उपलब्ध कराने वाली आपणी योजना की लाइन इस गांव से गुजर रही है। गांव के मकानों तक भी लाइन बिछी हुई है, लेकिन कनेक्शन नहीं दिए गए। मुख्य स्टैंड पर मिले साधुसिंह से पानी की समस्या के बारे में पूछा तो उन्होंने तत्काल बोतल आगे कर दी। पानी पीया तो खारा था। वे बोले इसीलिए बीस रुपए कैन के हिसाब से पीने का पानी खरीद रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह कई गांव जो अभी इस योजना से जुड़े नहीं हैं। हालांकि सरकारी योजना को उन्होंने लाभकारी बताया।

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