पुलिस ने दोनों अपराधियों को हिरासत में लिया। वारदात में उपयोग ली गई जीप भी जब्त कर ली गई। इसके बाद परिवार के लोग शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए राजी हुए। पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार शाम शव परिजनों को सौंप दिया गया है। थानाधिकारी अमर सिंह ने बताया कि वारदात बुधवार रात कुहाड़ियां गांव में हुई। वारदात में गांव के निवासी महेन्द्र सुथार की मौत हो गई। वहीं, उसका पिता सांवरमल गंभीर रूप से घायल हो गया।
देखी वारदात, लोगों के आने पर भागे अपराधी
महेन्द्र के चाचा ओमप्रकाश सुथार पुत्र भंवरलाल सुथार की ओर से पुलिस को दी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि रात को खाना-खाने के बाद वह ताल की तरफ पैदल घूम रहा था। उसी दौरान अपराधियों ने वारदात को अंजाम दिया। वह दौड़कर मौके पर पहुंचा और हो-हल्ला किया तो आसपास के लोग वहां आ गए। यह देखकर अपराधी मुकेश और शंकरलाल जीप लेकर भाग गए। ओमप्रकाश ने गांव से दूसरी गाड़ी मंगवाकर भाई सांवरमल व भतीजे महेन्द्र को सुजानगढ़ अस्पताल पहुंचाया। जहां पर चिकित्सकों ने भतीजे महेन्द्र को मृत घोषित कर दिया तथा मेरे भाई सांवरमल की हालत गंभीर होने के कारण सीकर रैफर कर दिया।
रंजिश को लेकर की वारदात
इस वारदात का प्रमुख कारण आपसी रंजिश बताया जा रहा है। दोनों अपराधी और वारदात के शिकार एक ही गांव के है। इनके घर भी आसपास ही बताए जा रहे है। भाई ओमप्रकाश की ओर से पुलिस को दी गई रिपोर्ट में भी आपसी रंजिश की बात बताई गई है। ओमप्रकाश ने पुलिस को बताया है कि मुकेश ने मेरे भाई व भतीजे को जान से मारने की धमकी दी थी। वहीं यह भी समाने आया है कि सांवरमल और मुकेश दोनों ही ट्रक चलाने का कार्य करते हैं। पहले दोनों एक ही जगह पर नौकरी करते थे। लेकिन दोनों के बीच किस बात को लेकर रंजिश थी। इसका अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है।
शादी की तैयारी के बीच उठी घर से अर्थी
महेन्द्र की हत्या और उसके पिता को कुचलने की वारदात के बाद कुहाड़ियां गांव में माहौल गमगीन रहा। जिस घर में बेटे की शादी की तैयारी होनी थी। वहां से आज उसकी अर्थी जो उठी थी। परिवार के लोगों ने बताया कि इकलोते बेटे महेन्द्र की सगाई कर दी गई थी। जल्द ही उसकी शादी की तारीख तय की जानी थी, लेकिन किसे पता था कि सेहरा बंधने की जगह घर से उसकी अर्थी उठेगी। महेन्द्र के तीन बहिनें हैं। तीनों की ही अभी शादी नहीं हुई है। इनमें बड़ी कांता 20, गायत्री 18 और गंगा महज 16 वर्ष की है। भाई की मौत के बाद उनके चेहरे गमगीन हो गए। अस्पताल में लोगों ने बताया कि महेन्द्र ही घर का सहारा था। गांव के ओमप्रकाश सुथार, जगदीश प्रसाद, गोपीराम, बगसाराम, नथमल सहित अन्य लोगों ने पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग का ज्ञापन उपखंड अधिकारी को सौंपा है।
बेटे को लेने गया था पिता सांवरमल
कुहाड़ियां गांव का निवासी महेन्द्र सुथार रतनगढ़ में मोबाइल की दुकान चलाता है। बुधवार रात वह अपनी दुकान बंद कर बस से गांव आया था। बस स्टैंड से घर लाने के लिए उसका पिता सांवरमल बाइक लेकर गया था। जब दोनों पिता-पुत्र बाइक से वापस घर आ रहे थे। रास्ते में गांव के ताल में हरिराम बाबा मंदिर के पास मुकेश कुमार पुत्र शेराराम जाट निवासी कुवाडिया (रणधीसर नया बास) और शंकरलाल पुत्र नानुराम जाट निवासी रणधीसर कैपर जीप लेकर आए। उन्होंने पहले कैपर से बाइक को टक्कर मारी। बाद में चार-पांच बार आगे पीछे कर दोनों को कुचल दिया।