निराश हो गए युवा सैनिक एकेडमी की घोषणा के बाद जिले के युवा सेना में अधिकारी बनने के सपने सजोने लगे थे। लेकिन उनके सपने अब टूट चुके हैं। आज देश की सरहदों पर यहां के हजारों जांबाज तैनात हैं। ऐसे में यदि एकेडमी खुलती है तो यहां के युवाओं को काफी लाभ मिलता।
& इस तरह की एकेडमी में अधिकारी बनाने के लिए पढ़ाई व ट्रेनिंग होती है। यदि यह एकेडमी खुलती तो कुछ युवा प्रतिवर्ष अधिकारी बनते। घोषणा को चार साल से अधिक हो गए लेकिन धरातल पर काम नहीं हुआ।:- रामकुमार कस्वां, अध्यक्ष, पूर्व सैनिक संघ
& इस तरह की एकेडमी में अधिकारी बनाने के लिए पढ़ाई व ट्रेनिंग होती है। यदि यह एकेडमी खुलती तो कुछ युवा प्रतिवर्ष अधिकारी बनते। घोषणा को चार साल से अधिक हो गए लेकिन धरातल पर काम नहीं हुआ।:- रामकुमार कस्वां, अध्यक्ष, पूर्व सैनिक संघ