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सैनिक एकेडमी का सपना दिखाकर भूली सीएम

locationचुरूPublished: Sep 11, 2018 01:04:19 pm

Submitted by:

Rakesh gotam

जिले के युवाओं को सैनिक एकेडमी का सपना दिखाकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खुद भूल गई। अधिकारी भी जमीन आवंटन के लिए फाइल चलाकर अपनी जिम्मेदारी निभाकर बैठ गए।

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चूरू.

जिले के युवाओं को सैनिक एकेडमी का सपना दिखाकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खुद भूल गई। अधिकारी भी जमीन आवंटन के लिए फाइल चलाकर अपनी जिम्मेदारी निभाकर बैठ गए। कई बार सरकार की ओर से प्रस्ताव मंगवाए गए। प्रशासन की ओर से प्रस्ताव भेजे भी गए लेकिन एकेडमी फाइलों से बाहर नहीं निकल सकी। इससे स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री शायद एकेडमी खोलने के लिए इच्छुक नहीं हैं। जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जून 2014 में जिला मुख्यालय पर सैनिक एकेडमी खोलने की घोषणा की थी। घोषणा को चार साल बद भी मूर्तरूप नहीं दिया जा सका। जब सीएम ने खुद अपनी घोषणा पर ध्यान दिया तो दूसरा कौैन दे सकता है। अब इसकी सुध लेने वाला शायद कोई नहीं है। जिला प्रशासन ने सात जुलाई2015 को शहर के समीप गाजसर ग्राम पंचायत में 10 एकड़ जमीन आवंटित करने के लिए प्रस्ताव बनाकर सरकार के पास भेजा था। लेकिन प्रक्रिया फाइलों से बाहर नहीं निकल पायी। इसके अलावा जिला मुख्यालय स्थित कृषि भवन में संचालति करने का प्रस्ताव बनाया गया लेकिन यह भी प्रक्रिया कागजों में ही बंद होकर रह गई। इन घोषणाओं करके सरकार ने पहले तो वाह-वाही ले ली। बाद में इस तरफ देखा तक नहीं। हालात यह है कि चूरू से ग्रामीण विकास मंत्री व वसुंधरा राजे के दाहिने हाथ माने जाने वाले राजेन्द्र राठौड़ एवं रतनगढ़ से देवस्थान मंत्री राजकुमार रिणवां हैं फिर इतनी बड़ी घोषणा को अमली जामा नहीं पहनाया जा सका।
निराश हो गए युवा

सैनिक एकेडमी की घोषणा के बाद जिले के युवा सेना में अधिकारी बनने के सपने सजोने लगे थे। लेकिन उनके सपने अब टूट चुके हैं। आज देश की सरहदों पर यहां के हजारों जांबाज तैनात हैं। ऐसे में यदि एकेडमी खुलती है तो यहां के युवाओं को काफी लाभ मिलता।
& इस तरह की एकेडमी में अधिकारी बनाने के लिए पढ़ाई व ट्रेनिंग होती है। यदि यह एकेडमी खुलती तो कुछ युवा प्रतिवर्ष अधिकारी बनते। घोषणा को चार साल से अधिक हो गए लेकिन धरातल पर काम नहीं हुआ।:- रामकुमार कस्वां, अध्यक्ष, पूर्व सैनिक संघ
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