चूरू के सरदारशहर के अर्जुन क्लब स्वास्थ्य केन्द्र के पास शनिवार को युवाओं की बैठक हुई। जिसमें राजकीय अस्पताल को 100 बेड का नहीं करने पर मुख्यमंत्री की गौरव यात्रा का विरोध करने का निर्णय लिया गया।
युवाओं ने बताया कि लंबे समय से राजकीय अस्पताल को 100 बेड का करने व ट्रोमा सेन्टर शुरू करने के लिए आंदोलन किया जा रहा है। फिर भी सरकार के कानो पर जूं तक नहीं रेंग रही है। जिसके कारण क्षेत्र की जनता में रोष व्याप्त है। मांगों पर विचार नहीं करने पर 10 सितंबर को मुख्यमंत्री की गौरव यात्रा का विरोध किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 210 गांवों के मरीज इस अस्पताल में आते है। यहां पर सुविधा नहीं होने के कारण चिकित्सक मामूली बीमारी के मरीजों को भी बीकानेर रैफर कर दिया जाता है। इसके साथ मेगा हाइवे गुजरने के कारण दुर्घटनाओं में बढोतरी हुई है।
अस्पताल में सुविधा नहीं होने के कारण घायलों को बीकानेर रैफर कर दिया जाता है। जिसमें अधिकतर मरीज मौत के शिकार हो जाते है। बैठक में स्थानीय निवासी भूपेन्द्रसिंह, सुनील मीणा, चान्द सोनी, इमदाद हसन सैयद, शिव सैनी, नौशाद अली, सुरेन्द्रसिंह चारण, अरविन्दसिंह शेखावत, राकेश कड़वासरा आदि उपस्थित रहे।
पहले भी हो चुका है गौरव यात्रा का विरोध विरोध कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में निकाली जा रही भारतीय जनता पार्टी की गौरव यात्रा में बड़ा विवाद भी हुआ था। गौरव यात्रा के दौरान जोधपुर के ओसियां में बड़ा विवाद हुआ था। ओसियां में राजपूत समाज के लोगों ने गौरव यात्रा में जमकर प्रदर्शन किया। साथ ही आक्रोश में आकर रास्ता जाम और टायर जलाए हैं। मुख्यमंत्री के मुलाकात न करने से ओसियां का राजपूत समाज आक्रोश में है और प्रदर्शन कर रहा था।
मुख्यमंत्री की गौरव यात्रा में पहले भी विवाद हो चुका है। भाजपा के इस नाराज़ खेमे ने सीएम राजे की यात्रा का खुलकर विरोध जताया था। उदयपुर के वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र में भाजपाई कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को उदयपुर में भाजपा कार्यालय में जमकर हंगामा किया और सीएम के खिलाफ नारे तक लगा दिए थे।
वहीं प्रदेश कांग्रेस की तरफ से भी मुख्यमंत्री की गौरव यात्रा निकालने जाने को लेकर बीच-बीच में बयान बाजी होती रही हैं। साथ ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर सरकारी धन के दुरूपयोग करने के भी आरोप लगते रहे हैं। इन्हीं सब विवादों के चलते भारतीय जनता पार्टी की गौरव यात्रा के लिए उच्च न्यायालय में याचिका भी लगाई थी जिसके तहत बीजेपी को राजस्थान गौरव यात्रा के खर्चे का ब्यौरा भी हाईकोर्ट में देना पड़ा है और मामले की सुनवाई अभी जारी है।