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नंबर 8 पर बल्लेबाजी कर जड़े लगातार 8 छक्के, मात्र 11 गेंद पर जड़ दी फिफ्टी, रणजी ट्रॉफी में इस खिलाड़ी ने मचाया कहर

आकाश कुमार चौधरी ने नंबर-8 पर बल्लेबाजी करते हुए अरुणाचल प्रदेश के लिमार डाबी और टी एन आर मोहित की गेंदों पर लगातार 8 छक्के जड़कर इतिहास रच दिया। वे लगातार आठ छक्के जड़ने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं।

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भारत

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Siddharth Rai

Nov 13, 2025

रणजी ट्रॉफी का प्लेट ग्रुप अजीबोगरीब रिकॉर्ड्स का मंच बनता जा रहा है (Photo - BCCI)

Ranji Trophy 2025-26: पिछले छह सालों और 30 फ़र्स्ट क्लास मैच खेलने वाले मेघालय के ऑलराउंडर आकाश कुमार चौधरी ने इस रणजी सीजन कुछ ऐसा कर दिखाया है। जो क्रिकेट इतिहास के 250 साल पुराने अध्याय में ल्कभी नहीं हुआ। आकाश ने एक दो नहीं बल्कि आठ गेंद पर आठ छक्के लगाकर गैरी सोबर्स, माइक प्रॉक्टर और रवि शास्त्री जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया।

आठ गेंद पर आठ छक्के लगाने वाले पहले खिलाड़ी

आकाश कुमार चौधरी ने नंबर-8 पर बल्लेबाजी करते हुए अरुणाचल प्रदेश के लिमार डाबी और टी एन आर मोहित की गेंदों पर लगातार 8 छक्के जड़कर इतिहास रच दिया। वे लगातार आठ छक्के जड़ने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं। इसके साथ ही उन्होंने सिर्फ 11 गेंदों में अर्धशतक पूरा कर फर्स्ट-क्लास क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज़ फिफ्टी का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया।

गैरी सोबर्स और रवि शास्त्री का रिकॉर्ड तोड़ा

गैरी सोबर्स ने 1968 में इंग्लैंड की काउंटी चैम्पियनशिप में पहली बार एक ओवर में छह छक्के लगाए थे। 17 साल बाद 1984-85 में रवि शास्त्री ने बड़ौदा के तिलक राज की गेंदों पर वही कारनामा दोहराया था। लेकिन आकाश की यह उपलब्धि कुछ आलोचकों और क्रिकेट पंडितों को 'कमतर’ भी लग सकती है, क्योंकि यह मुकाबला सूरत के खुले सीके पिथावाला मैदान में हुआ था, और प्रतिद्वंद्वी टीम अरुणाचल प्रदेश अब तक 40 मैचों में सिर्फ एक ही जीत दर्ज कर पाई है, जिनमें से 35 में उसे पारी से हार का सामना करना पड़ा।

प्लेट ग्रुप की टीमों के खिलाफ बनते हैं ऐसे रिकॉर्ड

दरअसल, बात सिर्फ अरुणाचल की नहीं है। बीसीसीआई द्वारा 2018-19 सीजन से शामिल की गई नौ नई उत्तर-पूर्वी टीमों में से एक मेघालय भी अब तक कोई बड़ी जीत दर्ज नहीं कर सकी है। जैसे-जैसे ये नई टीमें रणजी ट्रॉफी में अजीबोगरीब रिकॉर्ड्स का मंच बनती जा रही हैं, पूर्व खिलाड़ी मानते हैं कि 25 वर्षीय आकाश इस तरह के असाधारण कारनामे करने वाले पहले खिलाड़ी नहीं हैं और निश्चित ही आखिरी भी नहीं होंगे।