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चोट के बाद भी मैं वापसी की कोशिश कर रहा था… क्रिकेट से संन्‍यास लेने वाले 42 वर्षीय अमित मिश्रा का खुलासा

Amit Mishra Retirement: अमित मिश्रा ने 42 वर्ष की उम्र में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्‍यास ले लिया है। रिटायरमेंट के बाद मिश्रा ने खुलासा किया कि वह चोट के बाद भी वापसी की कोशिश कर रहे थे और उन्‍होंने इसी वजह से पिछले आईपीएल की निलामी में अपना नाम नहीं डाला।

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भारत

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lokesh verma

Sep 04, 2025

Amit Mishra Retirement

आईपीएल में गेंदबाजी करते अमित मिश्रा। (फोटो सोर्स: IANS)

Amit Mishra Retirement: अमित मिश्रा ने अपनी क्लासिकल, आक्रामक लेग स्पिन से भारतीय क्रिकेट में एक खास जगह बनाई है। उनकी फ्लाइट, शार्प टर्न और कभी-कभार गुगली उनके मुख्य हथियार रहे। 22 टेस्ट, 36 वनडे और 10 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में उन्होंने कई यादगार प्रदर्शन किए हैं, जिसमें डेब्यू मैच में पांच विकेट लेने से लेकर द्विपक्षीय वनडे सीरीज में जवागल श्रीनाथ के सर्वाधिक विकेट लेने के रिकॉर्ड की बराबरी करना शामिल है। मिश्रा भारत की 2013 चैंपियंस ट्रॉफी विजेता टीम के सदस्य भी थे और 2014 टी20 विश्व कप में उपविजेता रहे, जहां उन्होंने 10 विकेट लिए थे। क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा करने के बाद मिश्रा ने आईएएनएस से अपने सफर को लेकर बातचीत की।

सवाल: आपके इस फैसले के पीछे क्या कारण रहे हैं? पेशेवर क्रिकेट से संन्यास लेने के बारे में?

जवाब: मैंने पिछले 25 साल क्रिकेट खेला है और एक समय के बाद शरीर जरूरी साथ नहीं देता। चोट लगने के बाद मैं वापसी की कोशिश कर रहा था। लेकिन, एक के बाद एक चोट लगने से मुझे यह अहसास हुआ कि शरीर पर ज़्यादा बोझ है और मैं चोटों से जल्दी उबर नहीं पा रहा हूं। पिछले साल मैं चोटिल हो गया था, इसलिए मैंने आईपीएल नीलामी में अपना नाम नहीं डाला। मैं घरेलू क्रिकेट नहीं खेल सका, क्योंकि शरीर साथ नहीं दे रहा था। ऐसे में मुझे लगा कि क्रिकेट को अलविदा कहने का सही समय आ गया है।

सवाल: पीछे मुड़कर देखें तो आप अपने क्रिकेट के सफर खासकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने करियर का आकलन कैसे करेंगे?

जवाब: जब भी मुझे भारतीय टीम के लिए मौका मिला मैंने अच्छा प्रदर्शन किया और मुझे कोई पछतावा नहीं है। कुछ लोग सवाल करते थे कि हमें लगता है कि तुम्हें ज्‍यादा मैच खेलने चाहिए थे या ऐसा-वैसा हो गया। देखिए, बीती बात भूल जाइए, क्योंकि मैं अपने क्रिकेट करियर से बहुत संतुष्ट हूं।

मैं बहुत खुश हूंं, क्योंकि मैंने पहले की तुलना में दोगुनी मेहनत की थी। लगभग 9-10 या 15 साल पहले, मेरी फिटनेस को लेकर बातें कही गई थीं और मैंने इसे बेहतर बनाने का पूरा ध्यान रखा। मैंने अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी में भी सुधार किया।

मैं अपने करियर में मेरा साथ देने वाले सभी लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं - मेरे कोच, परिवार, सहकर्मी, सीनियर और जूनियर। मैं हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन का हमेशा आभारी रहूंग, जिन्होंने संघर्ष के दौरान मेरा साथ दिया और मुझे सीनियर टीम में खेलने का मौका दिया, जिससे भारतीय टीम में जगह बनाने का मेरा रास्ता खुला। मैं उन सभी आईपीएल फ्रैंचाइज़ियों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूंं, जिन्होंने मुझे इतना प्यार और समर्थन दिया।

सवाल: आपके खेल करियर की कौन सी उपलब्धि या पल आपके लिए सबसे यादगार है?

जवाब: ऐसे कई पल हैं, लेकिन मैं एक खास पल का ज़िक्र करना चाहूंगा - मोहाली में मेरा टेस्ट डेब्यू। यह तब हुआ जब अनिल (कुंबले) भाई चोटिल थे और उस समय मैं काफी दबाव में था, क्योंकि पूरा मीडिया कह रहा था कि क्या मैं वह कर सकता हूंं, जो अनिल भाई ने इतने लंबे समय तक टेस्ट टीम के लिए किया।

वह पल खास था जब अनिल भाई ने मुझे सुबह बताया कि मैं मैच में खेलूंगा और मुझे पेशेवर रूप से खेलने और अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया। फिर मैंने डेब्यू मैच में आठ विकेट लिए, जिसमें एक पांच विकेट हॉल भी शामिल था और वह मेरे करियर का सबसे महत्वपूर्ण और यादगार पल हमेशा रहेगा।

उसके बाद, मैंने कई अच्छी यादें बनाईं। लेकिन टेस्ट डेब्यू इसलिए भी खास है क्योंकि मुझे लगा कि भारत के लिए टेस्ट खेलने के लिए इससे ज़्यादा यादगार और बेहतर स्थिति कभी नहीं हो सकती थी। जैसे अनिल भाई बाहर थे, और मैं उनकी जगह लेने आया। यह मेरे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि जैसा लगा और हमेशा कुछ ऐसा रहेगा जो मेरे ज़हन से कभी नहीं जाएगा।

सवाल: आईपीएल अक्सर आपके कुछ बेहतरीन प्रदर्शनों का गवाह रहा है। इस टूर्नामेंट में ऐसा क्या था, जिसने आपको सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया?

जवाब: मेरा मानना ​​है कि वहां आपके प्रदर्शन को दबाया नहीं जा सकता। यह भारत की सबसे बड़ी लीग है और दुनिया के सभी बेहतरीन खिलाड़ी इसमें खेलने आते हैं। इसलिए अगर आप वहां अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो यह सबके सामने आता है और लोग इसकी दिल से सराहना करते हैं।

उदाहरण के लिए अगर आप आईपीएल में क्रिस गेल, वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर या एबी डिविलियर्स जैसे किसी खिलाड़ी को आउट करते हैं तो सबसे बड़ी बात यह है कि लोग इसे याद रखते हैं। आमतौर पर होता यह है कि कोई गेंदबाज़ चार-पांच विकेट लेता है और उसे जल्द ही भुला दिया जाता है।

लेकिन आईपीएल में ऐसा नहीं होता, क्योंकि अगर आप दो-तीन महत्वपूर्ण विकेट लेते हैं, तो लोग इसे यह कहकर याद करते हैं, 'इन विकेटों की वजह से मैच का रुख बदल गया।' यही आईपीएल की अहमियत है।

सवाल: आईपीएल के इतिहास में सबसे ज़्यादा हैट्रिक लेने का रिकॉर्ड अभी भी आपके नाम है। इसका आपके करियर पर किस तरह सकारात्मक प्रभाव पड़ा?

जवाब: आईपीएल में हैट्रिक लेना कोई आसान काम नहीं है। इसलिए ये तीनों मेरे लिए बेहद खास हैं। यह रिकॉर्ड आज भी कायम है और मैं आईपीएल में शीर्ष दस विकेट लेने वालों की सूची में शामिल हूं, इससे मुझे बहुत खुशी मिलती है। हालांकि पिछले दो सालों में मैं चोटों के कारण ज़्यादा नहीं खेल पाया हूं।

करियर में हैट्रिक अक्सर नहीं मिलती, इसलिए तीन अलग-अलग आईपीएल टीमों के लिए मैंने जो भी हैट्रिक लीं, वे सभी मेरे लिए बेहद खास हैं। आईपीएल में मेरी पहली हैट्रिक मेरे लिए बहुत फायदेमंद साबित हुई, क्योंकि इसने भारतीय टीम में वापसी के मेरे दरवाजे खोल दिए।