वहीं इस मामले में पीसीबी को जवाब देते हुए बीसीसीआई ने कहा कि देश के अंदर होने वाली क्रिकेट गतिविधियों में हिस्सा लेने की मंजूरी देने या न देने का अधिकार बीसीसीआई के पास है। साथ ही बीसीसीआई ने कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को यह समझना चाहिए कि भले ही गिब्स के बयान को सच मान लिया जाए, लेकिन बीसीसीआइ को पता है कि भारत में क्रिकेट इकोसिस्टम के संबंध में निर्णय लेने के अपने अधिकारों के भीतर उसे क्या करना है। बीसीसीआई अधिकारी ने कहा कि भारतीय क्रिकेट पारिस्थितिकी तंत्र (इकोसिस्टम) वर्ल्ड लेवल पर क्रिकेट के अवसरों के लिए सबसे अधिक मांग वाला है। ऐसे में पीसीबी को इससे ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए।
हर्षल गिब्स ने किया था ट्वीटCompletely unnecessary of the @BCCI to bring their political agenda with Pakistan into the equation and trying to prevent me playing in the @kpl_20 . Also threatening me saying they won’t allow me entry into India for any cricket related work. Ludicrous 🙄
— Herschelle Gibbs (@hershybru) July 31, 2021
दरअसल दक्षिण अफ्रिका के पूर्व बल्लेबाज हर्षल गिब्स ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि बीसीसीआई उन पर कश्मीर प्रीमियर लीग में हिस्सा न लेने का दबाव बना रहा है। साथ ही उन्होंने ट्वीट में यह भी लिखा था कि उन्हें कश्मीर प्रीमियर लीग में खेलने से रोकने के लिए बीसीसीआई वो कर रही है, जो उसे नहीं करनी चाहिए। गिब्स ने आरोप लगाया है कि बीसीसीआई उन्हें डराते हुए ये भी कह रही है कि वह उन्हें क्रिकेट से संबंधित किसी भी काम के लिए भारत नहीं आने देंगे, ये गलत है। हर्षल गिब्स का यह ट्वीट सुर्खियों में है।
बीसीसीआई के अधिकारी ने यह भी कहा कि जिस तरह से पाकिस्तानी मूल के खिलाड़ियों को इंडियन प्रीमियर लीग में भाग लेने की अनुमति नहीं देने के फैसले को आईसीसी सदस्य के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के रूप में नहीं माना जा सकता है। ऐसे ही किसी को भी क्रिकेट के साथ किसी भी तरह से भाग लेने की अनुमति देने या अस्वीकार करने का निर्णय, यदि कोई हो तो ये भारत में बीसीसीआई का आंतरिक मामला है।