
Chris Gayle
नई दिल्ली : नस्ल और वर्ण भेद पूरी दुनिया में है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। जीवन के अन्य क्षेत्रों की तरह खेल जगत (Sports World) भी इससे अछूता नहीं है। फुटबॉल (Football World) में नस्लभेद का मामला थोड़ा ज्यादा सुनने में आता है। अब विंडीज के विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल (Chris Gayle) ने दावा किया है कि नस्लभेद सिर्फ फुटबॉल में नहीं, बल्कि क्रिकेट (Racism in Cricket) में भी है और खिलाड़ियों को इसका शिकार होना पड़ता है।
अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड के मौत के बाद फूटा गुस्सा
क्रिस गेल का यह गुस्सा अमरीका में अश्वेत शख्स जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद फूटा है। बता दें कि फ्लॉयड को लेकर पूरे अमरीका में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच गेल ने अपने सोशल मीडिया इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा, 'अश्वेतों की जिंदगी भी दूसरों की तरह मायने रखती है। अश्वेत लोग मायने रखते हैं।' इसके आगे उन्होंने लिखा कि वह पूरा विश्व घूमे हैं और उन्होंने नस्लभेदी बातें सुनी हैं, क्योंकि वह अश्वेत हैं। गेल ने कहा कि विश्वास मानिए, यह लिस्ट लंबी होती चली जाएगी।
क्रिकेट में भी है नस्लभेद
क्रिस गेल ने कहा कि नस्लभेद सिर्फ फुटबॉल में व्याप्त नहीं है, बल्कि यह क्रिकेट में भी है। यहां तक कि टीमों के भीतर भी उन्हें एक अश्वेत होने के नाते इस बात का अहसास हुआ है। जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पर विरोध जताने वाले क्रिस गेल पहले खिलाड़ी नहीं है। उनसे पहले मैनचेस्टर युनाइटेड और इंग्लैंड के फुटबॉल खिलाड़ी मार्क्स रशफोर्ड भी अपनी आपत्ति जता चुके हैं। उन्होंने फ्लायड की मौत पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह समाज पहले से ज्यादा बंटा हुआ लगता है।
ये क्रिकेटर हो चुके हैं नस्लभेद का शिकार
क्रिकेट में कई क्रिकेटर नस्लभेद का शिकार हो चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व हरफनमौला एंड्रयू साइमंड्स भी इस तरह के आरोप लगा चुके हैं, जबकि पिछले ही साल न्यूजीलैंड दौरे पर इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर पर मैच देखने आए एक दर्शक ने नस्ली टिप्पणी की थी। हार्दिक पांड्या समेत कई क्रिकेटरों को सोशल मीडिया पर इस तरह की नस्ली टिप्पणियों से दो-चार हो चुके हैं।
Updated on:
02 Jun 2020 01:28 pm
Published on:
02 Jun 2020 01:11 pm
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