यह है पूरा मामला
मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के सदस्य संजीव गुप्ता ने शिकायत की थी कि सनराइजर्स हैदराबाद के मेंटर वीवीएस लक्ष्मण और मुंबई इंडियंस से जुड़े सचिन तेंदुलकर बीसीसीआई के क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सदस्य भी हैं। इस वजह से यह हितों के टकराव का मामला बनता है। इसके जवाब में बीसीसीआई ने संजीव गुप्ता को पत्र लिखकर बताया था कि यह समाधान योग्य हितों का टकराव है। इसी मामले की सुनवाई लोकपाल कर रहे हैं। सचिन और लक्ष्मण के अलावा सौरभ गांगुली पर भी हितों के टकराव का आरोप लगा है।
सचिन दे चुके है जवाब
सचिन तेंदुलकर पहले ही पत्र लिखकर इस आरोप की सफाई बीसीसीआई लोकपाल डीके जैन को 13 बिंदुओं में पहले ही भेज चुके हैं। उन्होंने हितों के टकराव के का खंडन करते हुए कहा था कि वह मुंबई इंडियंस से किसी तरह का आर्थिक सहायता नहीं लेते हैं। वह उसके आइकॉन हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया था कि सीएसी में बतौर सदस्य नामित किए जाने के पहले से वह मुंबई इंडियंस टीम से जुड़े हुए हैं और वह बीसीसीआई से सीएसी के सदस्य की भूमिका के बारे में पहले भी पूछ चुके हैं, लेकिन बीसीसीआई ने उन्हें कोई जवाब नहीं दिया।