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मैच फिक्सिंग केस में 24 साल बाद कोर्ट की बड़ी कार्यवाही, एक फिल्‍म अभिनेता समेत 4 पर आरोप तय

Match Fixing: क्रिकेट मैच फिक्सिंग के केस में 24 साल के बाद दिल्‍ली की एक अदालत ने सख्ती दिखाते हुए चार लोगों के खिलाफ आरोप तय किए हैं। इसमें मुख्य साजिशकर्ता सट्टेबाज संजीव चावला और टी सीरीज संस्‍थापक गुलशन कुमार के भाई व अभिनेता कृष्‍ण कुमार शामिल हैं।

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Match Fixing

Match Fixing: क्रिकेट मैच फिक्सिंग के केस में 24 साल के बाद दिल्‍ली की एक अदालत ने सख्ती दिखाते हुए चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने के आरोप तय किए हैं। इसमें मुख्य साजिशकर्ता सट्टेबाज संजीव चावला और टी सीरीज संस्‍थापक गुलशन कुमार के भाई व अभिनेता कृष्‍ण कुमार शामिल हैं। बता दें कि इस केस एक आरोपी साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोनिए की 2002 में एक विमान दुर्घटना में मौत हो चुकी है। पटियाला हाउस कोर्ट के 68 पेजों के आदेश में संजीव चावला, कृष्‍ण कुमार, राजेश कालरा और सुनील दारा उर्फ ​​बिट्टू की कथित भूमिका का जिक्र है। कोर्ट के इस आदेश के बाद अब आरोपियों पर मुकदमे की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

चावला को फरवरी 2020 में लाया गया लंदन से भारत

दरअसल, दिल्ली पुलिस ने दिवंगत हैंसी क्रोनिए से जुड़े सन् 2000 के एक क्रिकेट मैच फिक्सिंग केस में आरोपियों के खिलाफ 2013 में आरोपपत्र दाखिल किया था। संजीव चावला को फरवरी 2020 में लंदन से भारत लाया गया। कोर्ट ने कहा कि जांच के मुताबिक, चावला ने ही हैंसी क्रोनिए के साथ मिलीभगत करके सट्टेबाजों और मैच फिक्स करने में मध्यस्थता की थी।

हैंसी क्रोनिए ने स्‍वीकार की थी अपनी संलिप्तता

कोर्ट के आदेश में ये भी कहा गया है कि साउथ अफ्रीका टीम के तत्कालीन कप्तान हैंसी क्रोनिए के बगैर पूरी मैच फिक्सिंग संभव नहीं थी, जिन्होंने किंग्स कमीशन ऑफ इन्क्वायरी के सामने अपनी भूमिका और संलिप्तता कबूल की थी। अन्य सभी आरोपी संजीव चावला और एक-दूसरे के साथ लगातार संपर्क साधे रहे और मैच फिक्स करने की साजिश रच डाली।

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ऐसे प्रकाश में आया मामला

बता दें कि साउथ अफ्रीका की सरकार ने अपने खिलाड़ियों के खिलाफ मैच फिक्सिंग मामले की जांच के लिए किंग्स कमीशन नियुक्त किया था। 11 जुलाई को पारित आदेश में ये भी बताया गया है कि मामला कैसे सामने आया। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को अप्रैल 2000 में मैच फिक्सिंग की जानकारी मिली थी। क्राइम ब्रांच ने लंदन स्थित एक सट्टेबाज की कॉल इंटरसेप्ट की थी। अब जाकर 24 साल के बाद इस केस में आरोप तय किए गए हैं।