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बिना बताए टीम इंडिया छोड़ गया ये खिलाड़ी, बंगाल के इस क्रिकेटर को मिला मौका, जो बाद में बना कप्तान

29 साल पहले भारतीय क्रिकेट टीम में एक ऐसी घटना घटी, जिसने वर्ल्ड क्रिकेट को हैरान कर के रख दिया। हालांकि उस घटना के बाद टीम इंडिया को एक ऐसा खिलाड़ी मिला, जिसने विदेशों में विरोधियों को ईंट का जवाब पत्थर से देना सिखाया।

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Navjot singh siddhu

नवजोत सिंह सिद्धू (फोटो- IANS)

साल 1996 में भारतीय टीम ने इंग्लैंड को दौरा किया। जहां भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक विवादास्पद अध्याय जुड़ गया। मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में टीम इंडिया को टेस्ट और वनडे मैचों की सीरीज खेलनी थी। हालांकि सीरीज शुरू होने से पहले अनुभवी सलामी बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू अचानक टीम का साथ छोड़ देश लौट आए। इस घटना ने टीम मैनेजमेंट को भी झकझोर कर रख दिया। हालांकि इस घटना की वजह से ही भारतीय क्रिकेट टीम को एक ऐसा खिलाड़ी मिला, जो आगे चलकर कप्तान बना और विदेशों में विरोधियों को ईंट का जवाब पत्थर से देना सिखाया।

वनडे सीरीज से रहे बाहर

साल 1983 में डेब्यू करने वाले नवजोत सिंह सिद्धू 1996 तक टीम इंडिया के प्रमुख खिलाड़ी बन चुके थे। वह अपनी आक्रामक बल्लेबाजी और शानदार फील्डिंग के लिए पूरी दुनिया में फेमस थे। इंग्लैंड जाने से पहले सिद्धू ने घरेलू सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया था। हालांकि दौरे की शुरुआत में ही चीजें बिगड़ने लगीं। टीम इंडिया के उस समय के सबसे आक्रामक बल्लेबाजों में से एक नवजोत सिंह को वनडे सीरीज में एक भी बार मौका नहीं।

हद तो तब हो गई जब सिद्धू को एजबेस्टन में खेले जाने वाले पहले टेस्ट से भी बाहर रखा गया। टीम इंडिया से सीनियर खिलाड़ी के लिए यह अपमानजनक था। दौरे के बाद सिद्धू और कप्तान अजहरुद्दीन के बीच मतभेद और बढ़ गए। सिद्धू ने बाद में बताया कि अजहर का व्यवहार अच्छा नहीं था और उससे मुझे तकलीफ हुई। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब कोई खिलाड़ी बीच दौरे से टीम छोड़कर देश लौट जाए। बाद में BCCI ने एक जांच समिति का गठन किया, जिसमें पूर्व क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ, मार्कंडेया सिंह, इंद्रजीत सिंह और श्यामक दावार शामिल थे।

सौरव गांगुली का हुआ डेब्यू

सिद्धू के लौटने के बाद, पहले टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड से 10 विकेट से हार का सामना किया। सिद्धू के लौटने के बाद टीम इंडिया की ओपनिंग जोड़ी कमजोर लगने लगी। इसके बाद मैनेजमेंट ने एक फैसला किया और सौरव गांगुली को दूसरे टेस्ट डेब्यू का मौका दिया। बंगाल टाइगर ने शानदार आगाज किया और 131 रनों की पारी खेल डाली। जिस पिच पर दूसरे भारतीय बल्लेबाज संघर्ष कर रहे थे, वहीं गांगुली ने इंग्लैंड के गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। आगे चलकर अपने तेवर और बल्लेबाजी की वजह से सौरव गांगुली ने अलग पहचान बनाई।

साल 2011 कहानी से पर्दा उठा और पता चला कि अजहर अपनी आम बोलचाल की भाषा खिलाड़ियों से बात करते थे और मां की गाली दे देते थे, जो हैदराबादी लोगों के लिए आम है लेकिन पंजाब से नाता रखने वाले नवजोत सिंह सिद्धू को इसमें अपमान लगा। हालांकि इसमें सिद्धू को वनडे सीरीज से बाहर रखने का न कारण पता चला और न ही पहले टेस्ट से ड्रॉप करने की वजह। दोनों खिलाड़ियों ने अपने अपने तरीके से मामले को मीडिया के सामने रखा लेकिन दोनों की बातों से कभी नहीं पचा चला की सिद्धू ड्रॉप क्यों हुए।