जनवरी में ही किया था अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज
26 साल के ओलिवर ने पिछले साल दिसंबर में ही दक्षिण अफ्रीका के लिए अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज किया था। अब तक वह मात्र 10 टेस्ट और दो वनडे खेले हैं। टेस्ट में जहां 48 विकेट लिए हैं तो वनडे में उनके नाम अभी तक तीन विकेट हैं। पाकिस्तान के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में खेले गए सेंचुरियन टेस्ट की पहली पारी में 6 और दूसरी पारी में 5 विकेट लेकर उन्होंने सनसनी मचा दी थी। वह दक्षिण अफ्रीका के उभरते स्टार तेज गेंदबाज के रूप में देखे जा रहे थे। इस बीच उन्होंने इतना बड़ा फैसला ले लिया। उन्होंने कहा कि वह पिछले साल जब इंग्लैंड गए थे तो उन्होंने काउंटी क्रिकेट का भरपूर मजा लिया था। वह मूल रूप से एक विदेशी खिलाड़ी के रूप में इंग्लैंड वापस आना चाहते थे। लेकिन जब कोपक नियम के तहत यॉर्कशर का प्रस्ताव मिला तो उन्हें पता था कि अब देश के लिए खेलना मुश्किल होगा। लेकिन उन्हें लगता है कि क्लब के लिए हस्ताक्षर करना उनके और उनके परिवार के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। इसलिए यह फैसला लिया।
क्या है कोपक नियम
दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे, विंडीज देशों और यूरोपियन यूनियन के बीच एक करार किया गया है। इसके तहत इन देशों का कोई भी खिलाड़ी इंग्लैंड और अन्य यूरापियन देशों की तरफ से खेलने के लिए करार करता है तो देश की बोर्ड उसे रोक नहीं सकती। इसके तहत काउंटी टीमों से अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के बाद वह प्लेयर करार की अवधि के दौरान तब तक अपने देश से नहीं खेल सकता, जब तक काउंटी मैच चल रहे हों। हां, काउंटी सीजन न हो तो वह अपने देश के लिए खेल सकता है। यानी इस नियम के तहत प्लेयर के लिए प्राथमिकता काउंटी टीम होगी, न कि देश। डुआने दक्षिण अफ्रीका के पहले प्लेयर नहीं हैं, जिन्होंने इस नियम के तहत किसी काउंटी टीम से करार किया है। इससे पहले गेंदबाज मोर्ने मोर्कल, वेन पर्नेल, जैक रुडोल्फ, काइल एबॉट और रिली रोसो जैसे कई खिलाड़ी इस करार से बंध चुके हैं।