
भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच के तीसरे दिन भारतीय बल्लेबाजों ने बेहतरीन बैटिंग की। हालांकि मैच के पहले दिन निराशाजनक स्कोर बनाकर बैकफुट पर आई टीम इंडिया पर दबाव था। इसके बावजूद रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली ने अच्छा प्रदर्शन किया। भारतीय बल्लेबाजों ने इंग्लिश गेंदबाजों के पसीने छुड़ा दिए। तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने दूसरी पारी में 2 विकेट गंवाकर 215 रन बना लिए हैं। कप्तान विराट कोहली 45 रन और चेतेश्वर पुजारा 91 रन बनाकर क्रीज पर हैं। हालांकि पहली पारी के आधार पर भारत अभी भी इंग्लैंड से 139 रन पीछे है।
बैटिंग के दौरान विराट कोहली ने पहली कैप
तीसरे दिन के मैच में इंग्लैंड ने आखिरी 10 ओवर में अपने स्पिनर्स को टीम इंडिया के खिलाफ गेंदबाजी के लिए उतारा। इसकी वजह यह थी कि खराब रोशनी की वजह से अंपायर्स ने पेस गेंदबाजी की इजाजत नहीं दी। वहीं इंग्लैंड के कपतान जो रूट ने भी इसके लिए हामी भर दी। इसके बाद विराट कोहली ने हेलमेट उतारकर कैप पहनी और इंग्लैंड के स्पिनर्स का सामना किया।
जो रूट हेलमेट उतारकर नहीं कर सकते स्पिनर्स का सामना
तेज गेंदबाजी के सामने हेलमेट पहनना जरूरी होता है क्योंकि हेलमेट नहीं पहनने से बल्लेबाज को चोट लग सकती है। वहीं कई बल्लेबाज स्पिनर्स के सामने हेलमेट उतारकर बैटिंग करते हैं। हालांकि इंग्लैंड के बल्लेबाज ऐसा नहीं कर सकते। भारत में चेन्नई टेस्ट के दौरान जो रूट ने डबल सेंचुरी लगाई थी, लेकिन उन्होंने स्पिनर्स के खिलाफ एक बार भी कैप नहीं पहनी। उन्होंने अपनी पूरी पारी हेलमेट पहनकर ही खेली।
इस वजह से इंग्लिश बल्लेबाज नहीं पहन सकते कैप
इंग्लिश बल्लेबाज स्पिनर्स के सामने बैटिंग करते वक्त भी कैप क्यों नहीं पहन सकते, इसका खुलासा स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट एलिजाबेथ एम्मन ने किया। उन्होंने बताया कि इंग्लिश प्लेयर्स को इसकी इजाजत नहीं है। इंग्लिश एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड के नियमों के अनुसार, किसी भी बल्लेबाज के लिए प्रोफेशनल या पाथवे क्रिकेट में बैटिंग करते वक्त हेलमेट पहनना अनिवार्य है, यहां तक कि स्पिनर्स के खिलाफ भी।
बल्लेबाजों की सुरक्षा जरूरी
ईसीबी ने यह नियम इसलिए बनाया है क्योंकि बोर्ड के लिए बल्लेबाजों की सुरक्ष अहम है। हेलमेट पहनना इसलिए अनिवार्य किया गया है ताकेि बैटिंग के दौरान खिलाड़ी के सिर में चोट न लगे। अगर स्पिनर भी गेंदबाजी कर रहा है तो सिर पर गेंद लगने की आशंका बनी रहती है। वहीं जब फील्डर थ्रो फेंकता है तो भी बैट्समैन को चोट लग सकती है। इसी वजह से ईसीबी किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता।
Updated on:
28 Aug 2021 10:47 am
Published on:
28 Aug 2021 10:46 am
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