
कोरोना महामारी की वजह से कई लोगों पर आर्थिक संकट आ गया है। हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। खिलाड़ियों पर भी कोरोना की वजह से असर पड़ा है, खासतौर पर घरेलू क्रिकेट खेलने वालों पर। सौरव गांगुली जैसे दिग्गज क्रिकेटर के साथ खेल चुके एक भारतीय गेंदबाज को भी कोरोना की वजह से दाल—पूडी और चाय बेचने को मजबूर होना पड़ा है। असम की तरफ से रणजी ट्रॉफी खेल चुके गेंदबाज प्रकाश भगत इन दिनों अपना परिवार चलाने के लिए दाल—पूडी बेच रहे हैं।
राष्ट्रीय क्रिकेट एकेडमी में ली ट्रेनिंग
प्रकाश भगत वर्ष 2009-2010 में असम की तरफ से रणजी ट्रॉफी खेल चुके है। वहीं प्रकाश ने वर्ष 2003 में राष्ट्रीय क्रिकेट एकेडमी में ट्रेनिंग ली थी। इस दौरान उन्होंने दिग्गज क्रिकेटर सौरव गांगुली को गेंदबाजी कराई थी। वहीं पर उन्हें सचिन तेंदुलकर, जहीर खान, हरभजन सिंह, वीरेंद्र सहवाग से भी मिलने का मौका मिला था।
पिता के निधन के बाद छोड़ा क्रिकेट
वर्ष 2011 में प्रकाश भगत के पिता का निधन हो गया था। इसके बाद प्रकाश ने क्रिकेट खेलना छोड़ दिया था। प्रकाश के पिता और बड़े भाई चाट बेचते थे। पिता की मौत के बाद बड़े भाई की भी तबियत खराब हो गई। ऐसे में परिवार की जिम्मेदारी प्रकाश के कंधों पर आ गई। इसके बाद प्रकाश ने परिवार का पेट भरने के लिए क्रिकेट छोड़ नौकरी करना शुरू कर दिया।
कोरोना ने छीनी नौकरी
प्रकाश ने मीडिया को बताया कि उन्होंने क्रिकेट छोड़ने के बाद परिवार चलाने के एक मोबाइल कंपनी में काम करना शुरू किया। लेकिन कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से पिछले साल उनकी नौकरी भी चली गई। इसके बाद वह दाल-पूडी बेचकर परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। पूर्व रणजी खिलाड़ी मनिमय रॉय का कहना है कि वित्तीय सहायता की कमी के कारण पूर्वोत्तर के ज्यादातर खिलाड़ी खेल को छोड़ रहे हैं।
राष्ट्रीय और स्टेट लेवल टूर्नामेंट में खेल चुके
प्रकाश भगत राज्य के लिए विभिन्न राष्ट्रीय और स्टेट लेवल के टूर्नामेंट में हिस्सा ले चुके हैं। भगत ने कहा कि असम टीम के सदस्य के तौर पर उन्होंने 2009-10 में रणजी ट्रॉफी और 2010-11 में रेलवे तथा जम्मू-कश्मीर के खिलाफ खेले थे।
Updated on:
07 Jul 2021 10:25 am
Published on:
07 Jul 2021 10:22 am
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