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पोंटिंग ने विराट के फॉर्म पर उठाए सवाल, भड़के गौतम गंभीर, कहा – आपका भारतीय क्रिकेट से क्या लेना-देना?

गंभीर से पोंटिंग के बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'पोंटिंग का भारतीय क्रिकेट से क्या लेना-देना है? उन्हें ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के बारे में सोचना चाहिए। रोहित और विराट अविश्वसनीय रूप से मजबूत खिलाड़ी हैं।'

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Ricky Ponting

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Gautam Gambhir Press Confrence: भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गंभीर ने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग को लेकर एक विवादित बयान दिया। दरअसल पोंटिंग ने पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली के फॉर्म पर सवाल उठाए थे।

पोंटिंग ने कहा,' मैने विराट के बारे में एक आंकड़ा पढ़ा, इसमें कहा गया कि पिछले पाच साल में उसने सिर्फ दो (तीन) टेस्ट शतक लगाए, यह सही नहीं लगता लेकिन अगर है तो चिंता की बात है। दुनिया में शीर्ष स्तर का कोई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट ऐसा नहीं होगा जिसने पांच साल में दो ही टेस्ट शतक लगाये हों।'

गंभीर से पोंटिंग के इस बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'पोंटिंग का भारतीय क्रिकेट से क्या लेना-देना है? उन्हें ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के बारे में सोचना चाहिए। रोहित और विराट अविश्वसनीय रूप से मजबूत खिलाड़ी हैं।' प्रेस कॉन्फ्रेंस में गंभीर ने स्वीकार किया कि उनकी टीम घरेलू मैदान पर विपक्षी न्यूजीलैंड की टीम से बुरी तरह से पराजित हुई और उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट नहीं खेला, लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में कोई बदलाव नहीं आएगा।

उन्होंने कहा, "इससे मेरे और किसी और के जीवन में क्या फर्क पड़ता है? जब मैंने यह काम संभाला, तो मैंने हमेशा सोचा कि यह एक बहुत ही मुश्किल काम होगा और साथ ही एक बहुत ही प्रतिष्ठित काम भी। ईमानदारी से, मुझे नहीं लगता कि मैं दबाव महसूस कर रहा हूं क्योंकि मेरा काम पूरी तरह से ईमानदार होना है। उस ड्रेसिंग रूम में कुछ अविश्वसनीय रूप से कठोर लोग हैं जिन्होंने देश के लिए कुछ बेहतरीन चीजें हासिल की हैं और देश के लिए कुछ बेहतरीन चीजें हासिल करना जारी रखेंगे। इसलिए उन्हें और भारत को कोचिंग देना एक बहुत बड़ा सम्मान है।"

इसके बाद उन्होंने टीम का ध्यान मौजूदा विश्व टेस्ट चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी चुनौती पर केंद्रित कर दिया है। उन्होंने कहा, "स्पष्ट रूप से सीख यह है कि हम स्वीकार करते हैं कि हम परास्त हुए। मैं यहां बैठकर बचाव नहीं करने जा रहा हूं। मुझे लगता है कि हम तीनों विभागों में परास्त हुए। वे अधिक पेशेवर थे और हम इसे स्वीकार करते हैं। मुझे लगता है कि हमें जो आलोचना मिल रही है, हम इसे दोनों हाथों से लेते हैं और हम आगे बढ़ते रहते हैं, हर दिन बेहतर होते रहते हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "इन तीन टेस्ट मैचों से पहले हमने कानपुर में भी एक अविश्वसनीय टेस्ट मैच खेला था। मुझे पता है कि हमने अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट नहीं खेला है, लेकिन इससे कुछ भी नहीं बदलता है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह एक नई सीरीज है। ऑस्ट्रेलिया एक नया प्रतिद्वंद्वी है और हम यह सोचकर मैदान पर उतरते हैं कि हम निश्चित रूप से सीरीज जीतने की कोशिश करेंगे।"

बता दें भारतीय टीम 22 नवंबर से पर्थ में बार्डर गावस्कर ट्रॉफी का पहला मुक़ाबला खेलेगी। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फ़ाइनल कि रेस में बने रहने के लिए भारत को यह सीरीज हर हाल में जीतनी होगी।