अहम मैच में मिताली का अनुभव भी काम आता
भारतीय टीम के प्रशंसक और विशेषज्ञ इस बात पर हैरान हैं कि आखिर क्यों मिताली राज को टीम से बाहर रखा गया, जबकि वह शानदार फॉर्म में चल रही थीं और पूरे सीरीज में उनका प्रदर्शन भी शानदार था। पिछले दो मैचों में उन्होंने लगातार दो अर्धशतक लगाए थे और दोनों मैचों में मैन ऑफ द मैच भी रही थीं। इसके बावजूद उन्हें एकादश में न शामिल करना हैरान करने वाला फैसला है। विशेषज्ञों को तो यह भी मानना है कि उनका अनुभव भी टीम को प्रेरित करने में अहम भूमिका निभाता। ऐसे में अंतिम ग्यारह से उन्हें बाहर करना तो आत्मघाती कदम ही था।
हरमनप्रीत ने दी सफाई
मैच शुरू होने से पहले टॉस जीत कर प्तान हरमनप्रीत ने पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। उस वक्त उन्होंने अपने इस निर्णय पर सफाई देते हुए कहा कि मिताली राज पूरी तरह फिट हैं। उनके फिटनेस में कोई परेशानी नहीं है। बस बस हम विनिंग कॉम्बिनेशन के साथ खेलना चाहते थे। इस वजह से मिताली की जगह तानिया भाटिया ने स्मृति मंधाना के साथ पारी का आगाज किया। बता दें कि अंतिम ग्रुप मैच से पहले अस्वस्थ महसूस कर रही थीं, इसलिए आस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्हें आराम दिया गया था।
फाइनल में पहुंचने से तीसरी बार चूका भारत
बता दें कि महिला टी-20 क्रिकेट विश्व कप का फाइनल 24 नवंबर को खेला जाएगा। इसमें आमने-सामने इंग्लैंड और होगी। इससे पहले दो बार 2009 और 2010 में भारत इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में प्रवेश कर चुका है और पिछली दोनों बार भी वह सेमी फाइनल में हार कर बाहर हो गया था।