मुकाबला नहीं खेलने की मांग आईसीसी क्रिकेट विश्व कप की शुरुआत 30 मई से हो रही है। आतंकी हमले में अपने 40 वीर सपूतों को खोने के बाद देश एक आवाज में पाकिस्तान के बहिष्कार की मांग पर अड़ा है। जिसके बाद देश की जनता विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच न खेलने की मांग कर रही है, इससे पहले भी कई बार बीसीसीआई से पाकिस्तान से मैच नहीं खेलने की मांग की गई। पहले यह मांगे नहीं सुनी गई थी लेकिन इस बार मामला काफी बड़ा है और बीसीसीआई इसपर फैसला ले सकती है।
मैच नहीं खेलने पर टीम इंडिया को नुकसान विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच नहीं खेलने का फैसला टीम इंडिया और बीसीसीआई के लिए आगे कुआ पीछे खाई वाला है। मैच नहीं खेलने की स्थिति में टीम इंडिया को देश की नाराजगी का सामना करना पड़ा सकता है। वहीं मैच खेलने से मना करने पर भारतीय टीम को नुकसान होगा। आईसीसी की नियम के मुताबिक अगर हम पाकिस्तान से नहीं खेलते है तो पाकिस्तान को वॉक ओवर मिल जाएगा और ऐसे में पाकिस्तान को पूरे पॉइंट दे दिए जाएंगे। इसी वजह से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को इसपर सोच समझ कर फैसला लेना पड़ेगा।
1996 और 2003 विश्व में भी ऐसा ही हुआ ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी देश में दूसरे देश के खिलाफ मैच न खेलने की मांग उठी हो। विश्व कप में इससे पहले भी ऐसा हो चुका है। 1996 में भारत सहित तीन एशियाई देशों में खेले गए वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज ने सुरक्षा कारणों से श्रीलंका के खिलाफ उसी की सरजमीं पर मैच खेलने से मना कर दिया था। इन दोनों देशों के ना खेलने के कारण श्रीलंका को अंक मिल गए। और श्रीलंका की टीम विश्व कप भी जीत गई थी। इसके बाद विश्व कप 2003 में इंग्लैंड टीम ने सुरक्षा कारणों से जिंबाब्वे के खिलाफ हरारे में खेलने से मना कर दिया था। इंग्लैंड के मना करने के बाद आईसीसी ने जिंबाब्वे को अंक दे दिए थे। वहीं न्यूजीलैंड ने भी केन्या के खिलाफ मैच नहीं खेला था, जिसके बाद केन्या की टीम विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंच गई थी।