
भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर। (फोटो सोर्स: IANS)
R Ashwin defends Gautam Gambhir: साउथ अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में भारत का सूपड़ा साफ होने के बाद जहां बुधवार को बरसापारा में फैंस ने 'गौतम गंभीर हाय-हाय, वापस जाओ' के नारे लगाकर विरोध किया। वहीं, कुछ पूर्व क्रिकेटर ने भी गंभीर के फैसलों पर आपत्ति जताते हुए उनकी कड़ी आलोचना की। इसी बीच भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने साउथ अफ्रीका से घरेलू टेस्ट सीरीज गंवाने के बाद हेड कोच गौतम गंभीर का जोरदार बचाव किया है। अश्विन ने कोच को हटाने की मांगों को खारिज करते हुए कहा कि गंभीर का कॉन्ट्रैक्ट 2027 तक है, उसको दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।
भारत दो टेस्ट मैचों की सीरीज में बुरी तरह हार गया। गुवाहाटी में तो टीम इंडिया रिकॉर्ड 408 रनों से हार गई। इसके बाद से गंभीर के प्लान और ऑलराउंडरों को सपोर्ट करने की उनकी स्ट्रैटेजी की कड़ी आलोचना हो रही है, कुछ लोगों का मानना है कि टीम का बैलेंस पूरी तरह से बिगड़ गया है। हालांकि, अश्विन ने हेड कोच को हटाने की मांगों को सिरे से खारिज कर दिया है।
अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर शो ऐश की बात में कहा कि गौतम गंभीर का कॉन्ट्रैक्ट 2027 तक है। इसलिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। विरोध को लेकर कहा कि हम ऐसा क्यों कर रहे हैं? यह एक खेल है। टीम को मैनेज करना इतना आसान नहीं होता है और हां, उसे भी दुख हो रहा है। हमें यह समझना होगा। किसी को नौकरी से निकालना अच्छा लग सकता है, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि गलतियां तो होनी ही थीं, लेकिन उन्होंने किसी को परेशान करने को सही नहीं ठहराया। अश्विन ने आगे कहा कि गौतम मेरा रिश्तेदार नहीं है। मैं भी 10 गलतियां बता सकता हूं। हां, गलतियां होती हैं… लेकिन जब उनकी कीमत चुकानी पड़ती है तो वे महंगी पड़ जाती हैं। गलती कोई भी कर सकता है।
भारत के जबरदस्त घरेलू रिकॉर्ड पर असर पड़ने से चिंतित अश्विन ने माना कि जवाबदेही तय करने की जरूरत है, लेकिन जोर देकर कहा कि स्पॉटलाइट सिर्फ कोच पर नहीं होनी चाहिए। हम जिम्मेदारी मांगना चाहते हैं। यह आसान है, क्योंकि भारतीय क्रिकेट में बहुत कुछ हासिल होता है और इसमें बहुत पैसा है। बहुत से लोग यह काम करने के लिए तैयार हैं। लेकिन, एक कोच बल्ला उठाकर खेलने नहीं जा सकता।
अश्विन ने जोर देकर कहा कि सिर्फ मैनेजमेंट को नहीं, बल्कि खिलाड़ियों को भी अपनी नाकामी स्वीकार करनी चाहिए। खुद को कोच की जगह रखकर देखो। आप कह सकते हैं कि एक खिलाड़ी को कंटिन्यूटी चाहिए और रोटेशन हुआ है। ठीक है, मैं सहमत हूं। लेकिन, खेलने और परफॉर्म करने की जिम्मेदारी खिलाड़ी की है।
पूर्व ऑफ-स्पिनर ने कहा कि उन्होंने (आलोचकों) गंभीर को दोष देने को सही ठहराया। लेकिन खिलाड़ियों को भी तो जिम्मेदारी लेते नहीं देखा। इसमें कोई शक नहीं कि फैसले लेना हमेशा बेहतर हो सकता है। लेकिन, मुझे पर्सनली यह अटैक पसंद नहीं है, क्योंकि हम हमेशा किसी न किसी को दोष देने की तलाश में रहते हैं।
Published on:
27 Nov 2025 02:18 pm
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