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मोहम्मद शमी ने नहीं मानी BCCI की बात, फिर दिया खिलाफत में बयान!

Published: Nov 22, 2018 10:12:09 am

Submitted by:

Akashdeep Singh

भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने BCCI की उस बात को नहीं माना जिसमें बोर्ड ने शमी से एक पारी में सिर्फ 15-16 ओवर फेंकने को कहा था।

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मोहम्मद शमी ने नहीं मानी BCCI की बात, फिर दिया खिलाफत में बयान!

नई दिल्ली। आस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज के लिए चुनी गई भारतीय टेस्ट टीम के सदस्य मोहम्मद शमी ने बुधवार को रणजी ट्रॉफी के मैच में भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने BCCI की उस बात को नहीं माना जिसमें बोर्ड ने शमी से एक पारी में सिर्फ 15-16 ओवर फेंकने को कहा था। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत को 4 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है और शमी की उस सीरीज में अहम भूमिका निभानी है। BCCI अपने प्रमुख गेंदबाज को लेकर कोई भी जोखिम उठाना नहीं चाहती थी।


शमी ने कराए अधिक ओवर-
बंगाल के लिए खेलते हुए शमी ने केरल के खिलाफ पहली पारी में 26 ओवर गेंदबाजी की। बीसीसीआई ने आस्ट्रेलियाई दौरे को ध्यान में रखते हुए शमी के ऊपर यह शर्त लागू की थी। शमी ने 26 ओवरों में 100 रन देकर 3 विकेट झटके। टीम के अन्य गेंदबाज अशोक डिंडा(19), मुकेश कुमार(14) और ईशान पोरेल(18) ने शमी से कम गेंदबाजी की।


शमी ने किया अपने फैसले का बचाव-
शमी ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा, “जब आप अपने राज्य के लिए मैच खेल रहे होते हैं तो यह जरूरी होता है कि आप अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह से निभाएं।” शमी ने कहा, “मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं और मुझे किसी तरह की परेशानी नहीं आई। विकेट अच्छा खेल रही है इसलिए मैं जितनी देर गेंदबाजी कर सकता था कि.. यह मेरा खुद का फैसला था।”


शमी ने कहा होगा ऑस्ट्रेलिया में फायदा-
शमी ने कहा अभ्यास में गेंदबाजी करने से अच्छा है कि मैच में की जाए। उन्होंने कहा, “अपनी टीम और राज्य के लिए गेंदबाजी करना अभ्यास सत्र में गेंदबाजी करने से बेहतर है। आप जितनी यहां गेंदबाजी करोगे उसका फायदा आस्ट्रेलिया में होगा। यह अच्छी तैयारी है। मेरे लिए मैच में गेंदबाजी करना तैयारी करने का सबसे अच्छा तरीका है। मैं ऐसा किसी भी दिन कर सकता हूं।”


बंगाल के कोच ने कही ये बात-
शमी ने कहा, “लंबे समय बाद अपने घर में गेंदबाजी करना मेरे लिए अच्छा रहा। मेरे सभी दोस्त यहां थे। लंबे समय बाद मैं अपनी टीम के साथ खेल सका।” बंगाल के कोच साइराज बहुतुले ने भी इस मुद्दे को तवज्जो नहीं दी। कोच ने कहा, “वह गेंदबाजी करने के इच्छुक थे तो इसलिए उन्होंने गेंदबाजी की। किसी ने उन पर दबाव नहीं डाला।”

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