
Debashish Mohanty Former Indian Player (Photo Credit- Odisha Sports X)
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 1997 में टेस्ट में एक तेज गेंदबाज ने डेब्यू किया था। श्रीलंका के खिलाफ खेले गए उस मैच में पहली पारी में ही चार बल्लेबाजों को आउट कर इस गेंदबाज ने धूम मचा दी थी। हालांकि डेब्यू टेस्ट में शानदार गेंदबाजी के बावजूद अगले टेस्ट इस गेंदबाज को ड्रॉप कर दिया गया। ये गेंदबाज थे देबाशीष मोहंती।
देबाशीष मोहंती का जन्म ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 20 जुलाई 1976 को हुआ था। मोहंती का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचना ओडिशा क्रिकेट के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी। मोहंती ने अपने पहले घरेलू सीजन में ही जोरदार गेंदबाजी की जिसके दम पर वह भारतीय टीम में जगह बनाने में सफल रहे।
मोहंती ने 1997 में पहले टेस्ट और फिर वनडे में डेब्यू किया। उन्हें टेस्ट खेलने का अधिक मौका नहीं मिला। वह सिर्फ दो टेस्ट खेल सके, जिसमें उन्होंने चार विकेट झटके। वनडे क्रिकेट में उन्हें सफलता मिली। वनडे में उन्होंने वेंकटेश प्रसाद और जवागल श्रीनाथ के साथ अच्छी और सफल जोड़ी बनाई।
देबाशीष मोहंती का गेंदबाजी एक्शन इतना प्रसिद्ध हुआ कि साल 1999 के वर्ल्ड कप लोगो के पीछे इसी एक्शन को एक प्रेरणा बताया जाता है। इस विश्व कप में उन्हें उनकी स्विंग गेंदबाजी की वजह से भारतीय टीम में जगह दी गई थी। विश्व कप में श्रीनाथ के बाद वह भारत की तरफ से दूसरे सबसे सफल गेंदबाज थे। हालांकि उन्होंने श्रीनाथ से चार मैच कम खेले थे।
1998 में अजीत अगरकर ने भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया। वनडे क्रिकेट में अगरकर एक प्रभावी गेंदबाज साबित हो रहे थे। अगरकर के आने के बाद मोहंती के लिए टीम इंडिया में वापसी की राह मुश्किल हो चुकी थी। मोहंती को 2001 के बाद कभी भारतीय टीम के लिए खेलने का मौका नहीं मिला।
मोहंती निचले क्रम पर ऐसे बल्लेबाज भी थे जिनको शॉट्स खेलना खासा पसंद था। हालांकि एक विस्फोटक बल्लेबाज के तौर पर उनकी पहचान कभी नहीं बन पाई। उनकी स्विंग बॉलिंग के लिए उन्हें याद किया जाता है। 1997 से 2001 के बीच मोहंती ने भारत के लिए 2 टेस्ट और 45 वनडे खेले। टेस्ट में 4 और वनडे में उन्होंने 57 विकेट लिए।
2010 में उन्होंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया। संन्यास के बाद मोहंती कोचिंग में सक्रिय हैं। 2018 में उन्होंने जूनियर भारतीय टीम के चयनकर्ता के तौर पर भी अपनी भूमिका निभाई। बाद में, उन्हें भारतीय टीम का चयनकर्ता बनाया गया था। 2011 से 2016 तक वह ओडिशा के कोच रहे। 2022 में उनकी कोचिंग में ईस्ट जोन ने अपनी पहली दिलीप ट्रॉफी जीती थी।
Published on:
19 Jul 2025 09:50 pm
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