इस बार की नीलामी होगी छोटी
इस बार आईपीएल की नीलामी छोटी होगी, क्योंकि 2021 में सारे खिलाड़ी नीलामी में उतरेंगे। इसलिए इस बार जो खिलाड़ी नीलामी में उतरेंगे, वह सिर्फ एक साल ही अपनी फ्रेंचाइजी टीम के लिए खेल पाएंगे। बता दें कि पिछली बार बड़ी नीलामी जनवरी 2018 में हुई थी। तब सारी टीमों को तीन खिलाड़ियों को नीलामी के जरिये और दो खिलाड़ियों को राइट टू कॉर्ड के जरिये खरीदने की इजाजत दी गई थी। इसलिए जो खिलाड़ी इस बार नीलामी में उतरेंगे, वहह सिर्फ इसी साल अपनी फ्रेंचाइजी टीम के साथ खेल पाएंगे। इसलिए फ्रेंचाइजी टीमें बड़ा दांव लगाने से बचेंगी। इसके अलावा टीमों के पर्स में अधिक पैसे भी नहीं बचे हैं। हालांकि खबरों के मुताबिक फ्रेंचाइजी टीमों को नीलामी के लिए इस बार तीन करोड़ रुपए मिलेंगे।
इस नीलामी में सबसे ज्यादा मुश्किल विराट कोहली की कप्तानी वाली रॉयल चैलेंजर बेंगलोर के लिए आने वाली है। वह आईपीएल के 12 सीजन में से एक बार भी खिताब नहीं जीत पाए हैं और इस बार भी विनिंग कॉम्बिनेशन की तलाश में नीलामी के लिए उतरेंगे। लेकिन आरसीबी के लिए सिर्फ यही मुश्किल नहीं है, बल्कि परेशानी यह भी है कि उनके पर्स में इतने पैसे भी नहीं हैं कि वह किसी अच्छे प्लेयर पर दांव लगा पाएं। उनके पर्स में 1.8 करोड़ रुपए हैं और इस बार अगर तीन करोड़ और मिलते हैं, तब भी उनके पास महज 4.8 करोड़ रुपए होंगे। ऐसे में उनके मनपसंद खिलाड़ी पर नीलामी में बोली ज्यादा जाती है तो वह शायद उन्हें न खरीद पाएं।
दिल्ली कैपिटल्स की रहेगी बल्ले-बल्ले
इस बार नीलामी में सबसे ज्यादा फायदे की स्थिति में दिल्ली कैपिटल्स की टीम रहेगी। एक तो वह काफी लंबे समय बाद वह युवा खिलाड़ी श्रेयस अय्यर की कप्तानी में पिछले साल प्लेऑफ में पहुंचा था। इससे यह पता चलता है कि उसकी टीम मजबूत है। इसके अलावा उसके पर्स में सबसे ज्यादा 7.7 करोड़ रुपए बचे हैं। इसके अलावा इसमें इस साल मिलने वाले तीन करोड़ रुपए और जोड़ लिए जाएं तो उसके पास नीलामी के लिए कुल राशि 10.7 करोड़ रुपए होगी। ऐसे में पिछली बार नजर आई अपनी कमजोरी को वह दूर कर सकता है। अपने होमग्राउंड दिल्ली की धीमी पिच पर उसे क्वालिटी स्पिनर की कमी खली थी। इस बार उसका जोर इसी पर होगा। हालांकि उसने ट्रेडिंग विंडो के जरिये पहले ही अपनी टीम में मयंक मार्कंडे को जोड़ लिया है। उसकी नजर किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान रविचंद्रन अश्विन पर भी है और उसके पर्स में पैसे भी हैं। इस लिहाज से लगता है कि वह अपने मनपसंद खिलाड़ी को हासिल करने में कामयाब रहेगा।
राजस्थान रॉयल्स की हालत पिछले साल काफी बुरी रही थी। वह इस टूर्नामेंट की अंतिम टीमों में शुमार थी, अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में वह कोई कमाल नहीं दिखा पाई तो बाद मे उसने स्टीव स्मिथ को कप्तानी सौंप दी थी। इसके बाद उसका प्रदर्शन सुधरा भी था, लेकिन तब तक काफी देर हो गई थी। इस बार वह कुछ भारतीय तेज गेंदबाज और भरोसेमंद बल्लेबाज को अपनी टीम से जोड़ना चाहेगी। इसके लिए उसके पास पर्स में काफी पैसे हैं। उसके पास 7.15 करोड़ रुपए पहले से बचे हैं और इस बार के तीन करोड़ रुपए मिलाकर 10.15 करोड़ रुपए होंगे। ऐसे में वह कुछ पसंद के खिलाड़ियों को जोड़कर इस बार अपना प्रदर्शन सुधारना चाहेगी।
मुंबई और चेन्नई के पास भी नहीं हैं ज्यादा पैसे
इस बार मुंबई इंडियंस के पास 3.55 करोड़ और तीन करोड़ यानी नीलामी के लिए 6.55 करोड़ रुपए हैं तो चेन्नई सुपर किंग्स के पास पर्स में बचे 3.2 करोड़ रुपए और इस बार के तीन करोड़ रुपए यानी कुल 6.2 करोड़ रुपए हैं। हालांकि इन दोनों टीमों के पास भी नीलामी के लिए बहुत रकम नहीं है, लेकिन ये दोनों पिछली बार की क्रमश: विजेता और उपविजेता टीम है। इसलिए ये टीमें ऐसे भी अपने विनिंग टीम में ज्यादा छेड़छाड़ नहीं करेंगे। हालांकि पिछली बार चेन्नई की बल्लेबाजी में थोड़ा झोल दिखा था। वह इस तलाश में रहेगी कि कोई अच्छा बल्लेबाज उन्हें नीलामी में मिल जाए।
अन्य टीमों की यह है हालत
इसके बाद कोलकाता नाइट राइडर्स के पास बचे 6.05 करोड़ रुपए और इस बार के तीन करोड़ के साथ 9.05 करोड़ रुपए नीलामी के लिए होंगे तो सनराइजर्स हैदराबाद के पास 5.30 करोड़ और तीन करोड़ रुपए के साथ 8.30 करोड़ रुपए होंगे। इन दोनों टीमों का प्रदर्शन भी पिछले आईपीएल में ठीक-ठाक ही रहा था। वहीं किंग्स इलेवन पंजाब के पास 3.7 करोड़ और तीन करोड़ यानी टोटल 6.7 करोड़ रुपए होंगे।