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वॉशिंगटन सुंदर की संकटमोचक पारी को लेकर पिता ने खुलासा, बोले-‘वादे पर खरा ना उतरने से खफा हूं’

locationनई दिल्लीPublished: Jan 18, 2021 09:57:06 am

-वॉशिंगटन सुंदर ने अपने डेब्यू टेस्ट में खेली 62 रनों की अहम पारी।-पिता एम सुंदर ने किया खुलासा, वॉशिंगटन सुंदर ने किया था बड़ी पारी का वादा।-पिता बोले- ‘सुंदर नेचुरल ओपनिंग बल्लेबाज है। उसने नई गेंद से ढेरों रन बनाए हैं।

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नई दिल्ली। वॉशिंगटन सुंदर ( Washington sundar) ने अपने कॅरियर का पहले ही टेस्ट मैच (debut test match ) में अहम मुकाम पर 144 गेंदों पर 62 रनों की शानदार पारी खेली। सब ओर उनकी तारीफ हो रही है लेकिन उनके पिता-एम. सुंदर (M sunder) शतक पूरा नहीं होने से निराश हैं। सुंदर के अलावा शार्दूल ठाकुर (Shardul thakur) ने भी इस मैच में अर्धशतक लगाया और ब्रिस्बेन टेस्ट (Brisbane Test) के तीसरे दिन भारत को बड़े अंतर से पिछड़ने से बचाया। दोनों ने सातवें विकेट के लिए 123 रनों की साझेदारी। दोनों ऑस्ट्रेलिया में सातवें विकेट के लिए शतकीय साझेदारी करने वाले चौथे भारतीय जोड़ीदार बने।

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पिता को है शतक पूरा ना करने का मलाल
जहां एक तरफ सुदंर की बहादुरी, संयम और साहस की ओर तारीफ हो रही है, लेकिन सुंदर के पिता को लगता है कि उनके बेटे को शतक पूरा करना चाहिए था क्योंकि उसमें बल्लेबाजी की काबिलियत है। चेन्नई से बात करते हुए एम. सुंदर ने कहा, मैं निराश हूं कि वह शतक पूरा नहीं कर सका। जब सिराज आए थे तब उसे चौके और छक्के लगाने चाहिए थे। वह यह कर सकता था। उसे पुल करना चाहिए था और बड़े शॉट्स लगाने चाहिए थे। और कुछ नहीं तो उसे ऑस्ट्रेलिया के स्कोर की बराबरी करने की कोशिश करनी चाहिए थी।

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ऐसा कारनामा करने वाले सुंदर पहले बल्लेबाज
एम. सुंदर ने कहा कि रोजाना उनकी बेटे से बात होती और एक दिन पहले भी हुई थी। उन्होंने कहा, मैंने उससे कहा था कि मौका मिले तो बड़ा स्कोर खेलना। उसने कहा था कि वह जरूर खेलेगा। सुंदर से पहले भारत के लिए टेस्ट मैचों में डेब्यू के साथ अर्धशतक लगाने के साथ-साथ तीन या उससे अधिक विकेट लेने का कारनामा अब तक सिर्फ दो खिलाड़ी कर सके थे। इनमें से एक दत्तू फडकर भी थे, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया का पहली बार दौरा करने वाली भारतीय टीम के लिए यह कारनामा किया था।

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नई गेंद से अच्छा खेलते हैं सुंदर
एम, सुंदर ने कहा कि उनके बेटे को सातवें क्रम पर खेलने का मौका मिला, यह अलग बात है पर वह स्वाभावित तौर पर ओपनिंग बल्लेबाज है। पिता ने कहा, वह नेचुरल ओपनिंग बल्लेबाज है। उसने नई गेंद से ढेरों रन बनाए हैं। एम. सुंदर ने अपने बेटे का नाम अपने मेंटार पीडी वॉशिंगटन के नाम पर रखा था क्योंकि इस मेंटॉर ने एम. सुंदर को तमिलनाडु की रणजी टीम में शामिल होने के लिए तैयार किया था और वह सम्भावित टीम में चुने भी गए थे लेकिन बीमारी के कारण रणजी खेल नहीं सके थे।

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