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कौन लेगा शास्त्री के झूठ की जिम्मेदारी, आखिर क्यों किया रवि ने ऐसा

locationनई दिल्लीPublished: Dec 26, 2018 03:33:32 pm

Submitted by:

Siddharth Rai

शास्त्री द्वारा किए गए दावों का खंडन सौराष्ट्र कोच सीतांशु कोटक और मुख्य चयनकर्ता एम.एस.के. प्रसाद ने भी किया है। जब पहली बार भारत के पास ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर सीरीज जीतने का मौका है ऐसे माहौल में क्या टीम के मुख्य कोच का ऐसे बार-बार झूठ बोलना सही है?

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कौन लेगा शास्त्री के झूठ की जिम्मेदारी, आखिर क्यों किया रवि ने ऐसा

नई दिल्ली। ऑलराउंडर खिलाड़ी रवींद्र जडेजा की चोट का मामला लगातार नए मोड़ लेता जा रहा है। रवींद्र जडेजा को पर्थ टेस्ट में अंतिम एकादश में शामिल नहीं करने को लेकर जो भी सफाई भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने दी वो सब खोखली निकलीं। शास्त्री द्वारा किए गए दावों का खंडन सौराष्ट्र कोच सीतांशु कोटक और मुख्य चयनकर्ता एम.एस.के. प्रसाद ने भी किया है। जब पहली बार भारत के पास ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर सीरीज जीतने का मौका है ऐसे माहौल में क्या टीम के मुख्य कोच का ऐसे बार-बार झूठ बोलना सही है?

जडेजा पर कोहली और शास्त्री का अलग-अलग बयान –
दरअसल जडेजा को दूसरे टेस्ट में नहीं चुने जाने पर विराट कोहली ने कहा उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कभी स्पिनर को टीम में रखने के बारे में नहीं सोचा क्योंकि उनका मानना था कि भारत के चार तेज गेंदबाज काम कर जाएंगे। कोहली ने कहा था, ‘जब हमने पिच को देखा तो हमने जेडजा के विकल्प के बारे में नहीं सोचा।’ इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि ‘अगर अश्विन भी फिट होते तो मैं उन्हें नहीं खिलाता।’ ऐसे में जडेजा का पर्थ टेस्ट में खेलना लगभग नामुमकिन था। कोहली के इस बयान के बाद रवि शत्रि ने जो बयान दिया वो बिलकुल अलग था। शास्त्री ने कहा ‘जडेजा के साथ समस्या थी। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया आने के चार दिन बाद एक इंजेक्शन लिया था क्योंकि उनके कंधे में कुछ जकड़न थी।’ वहीं जब उनसे ये पूछा गया कि जडेजा सौ फीसदी फिट नहीं थे, तो उन्होंने ऑस्ट्रेलिया का दौरा क्यों किया इसपर शास्त्री बोले कि इंजेक्शन का असर होने में कुछ समय लगा। जब वे भारत में थे तभी उनके कंधे में थोड़ी जकड़न थी, लेकिन उन्होंने सौराष्ट्र की तरफ से घरेलू क्रिकेट खेला। ऑस्ट्रेलिया आने पर उन्हें फिर जकड़न महसूस हुई, जिसके बाद उन्हें इंजेक्शन लगाया गया। हमें लगा जडेजा पर्थ टेस्ट से पहले तक ठीक हो जायेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ और हम दूसरे टेस्ट में कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते थे। इसलिए जडेजा को नहीं खिलाया।

सौराष्ट्र कोच ने दावे को नाकारा –
शास्त्री के इस बयान के बाद सौराष्ट्र कोच सीतांशु कोटक ने उनके इस दावे को नकारते हुए कहा है कि रणजी ट्रॉफी सीजन के दौरान सौराष्ट्र के लिए खेलते हुए जडेजा “पूरी तरह से फिट” थे। उन्होंने कहा, ‘जब जडेजा सौराष्ट्र के लिए खेल रहे थे, तब कोई फिटनेस इश्यू नहीं था। न ही कोई जकड़न थी जिसके बारे में आप बात कर रहे हैं। अगर कोई जकड़न या कोई चोट होती तो वह रणजी ट्रॉफी में नहीं खेलता या कम से कम उसने हमें इस बारे में बताया जरूर होता।” इसके अलावा कोटक ने बताया ” जब जडेजा टीम में शामिल हुए तो हमारे रणजी मैच से पहले दो दिन का नेट सत्र था। इस दौरान उन्होंने बल्लेबाजी की और फील्डिंग प्रैक्टिस में भी भाग लिया। वह मैदान में चार दिनों तक डटे रहे। पर आप उनका प्रदर्शन देख सकते हैं। दो पारियों में उसने शानदार गेंदबाजी की। उसने हमारे लिए अच्छी बल्लेबाजी की और शतक भी जड़ा।”

एम.एस.के. प्रसाद ने भी किया शास्त्री के दावों का खंडन –
वहीं एम.एस.के. प्रसाद ने कहा है कि जडेजा ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए पूरी तरह से फिट थे, तभी उन्हें टीम में चुना गया। प्रसाद का यह बयान भी शास्त्री के उस बयान से अलग है। प्रसाद ने कहा ” चयन के लिए होने वाली बैठक से पहले चयन समिति को सभी खिलाड़ियों की फिटनेस रिपोर्ट दी जाती है। उस रिपोर्ट में जडेजा पूरी तरह से फिट थे। इसलिए हमने उन्हें चुन लिया। “इसके बाद जडेजा ने रेलवे के खिलाफ रणजी ट्रॉफी का मैच खेला और 60 से ज्यादा ओवर भी डाले। इसलिए यह कहना सही नहीं है कि चयन के समय वह अनफिट थे।”

कौन लेगा इसकी जिम्मेदारी –
मुख्य चयनकर्ता और सौराष्ट्र कोच के बयान के बाद ये साफ़ होता है कि शास्त्रीके बयान में बड़ा झोल है। वहीं जडेजा को मैच में खिलाने के मामले में कप्तान विराट का पक्ष भी शास्त्री के बयान से मेल नहीं खाता। तो क्या कोहली मैच से पहले शास्त्री से अपनी रणनीतियों के बारे में बात नहीं करते? क्या कोहली द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय की शास्त्री को खबर नहीं होती? इतना ही नहीं जब भारत के पास ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतने का ये पहला मौका है। ऐसे वक़्त में क्या शास्त्री का ये गैरजिम्मेदाराना व्यवहार और ऐसे बयान टीम के लिए सही हैं? ये पहली बार नहीं है कि ऐसा हुआ है इससे पहले दक्षिण अफ्रीका दौरे के वक़्त भी कुछ ऐसा ही हुआ था । ऐसे में इसकी जिम्मेदारी किसकी है? क्या जो भी हुआ उस पर बीसीसीआई कोई कार्यवाही या कोई एक्शन लेगा ?

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