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दिल्ली का बुराड़ी कांडः सामने आई साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी रिपोर्ट, 11 सदस्यों की मौत पर हुआ खुलासा

दिल्ली के बुराड़ी स्थित भाटिया परिवार को 11 सदस्यों की मौत मामले में सामने आई साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी रिपोर्ट। मोक्ष प्राप्ति के लिए परिवार ने मौत को लगाया था गले।

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Dheeraj Sharma

Sep 14, 2018

burari

दिल्ली बुराड़ी सुसाइड केसः सामने आई साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी रिपोर्ट, 11 सदस्यों की मौत पर हुआ खुलासा

नई दिल्ली। दिल्ली के बुराड़ी में एक परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले में नया खुलासा हुआ है। रहस्यमयी हालातों में मृत मिले भाटिया परिवार के 11 सदस्यों की साइकलोजिकल ऑटोप्सी रिपोर्ट सामने आ गई है। आपको बता दें कि बुराड़ी के रहने वाले भाटिया परिवार के 11 सदस्यों की रहस्यमयी मौत मामले में पुलिस ने मृतकों की साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी कराने के लिए सीबीआई को पत्र लिखा था। इसी आधार पर सीबीआई की ओर से 11 सदस्यों की साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी करवाई गई जिसकी रिपोर्ट अब मिल गई है।

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रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि पुलिस जांच में जो खुदकुशी की बात सामने आई थी, वो पूरी तरह सही है। सभी सदस्यों ने आत्महत्या की है और वो भी फांसी लगाकर। किसी भी सदस्य की हत्या का कोई मामला इस रिपोर्ट के मुताबिक स्पष्ट नहीं होता है।यानी सीबीआई ने भी पुलिस जांच का समर्थन किया है।

आपको बता दें कि 11 सदस्यों की इस मौत ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। रोजाना इस केस में नए-नए खुलासे हो रहे थे। दरअसल परिवार ने मोक्ष प्राप्त करने के लिए मौत को गले लगा लिया था, लेकिन घर से मिली चीजों के देखकर ये शंका थी कि घर की सबसे बुजुर्ग सदस्य नारायणी देवी की हत्या की गई है। हालांकि अब सीबीआई की साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी रिपोर्ट से ये साफ हो गया है कि सभी सदस्यों ने फांसी लगाकर खुदकुशी की थी।

भगवान से मिलना चाहता था परिवार
आपको बता दें कि 11 सदस्यों की सामूहिक खुदकुशी के बाद घर से कई डायरियां बरामद हुई थीं, जिनमें मोक्ष प्राप्ती और भगवान से मिलने संबंधी बातें लिखी गई थी। ये सभी डायरियां घर का बेटा ललित ही लिखता था। हालांकि इस काम में उसकी भतीजी भी उसका साथ देती थी। डायरी लिखी बातों के मुताबिक पूरा परिवार ललित के मृत पिता का बातों का अनुसरण करता था। ललित को सपने में पिता दिखाई देते और बात भी करते थे।

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इसलिए होती है साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी
दरअसल आत्महत्या के मामलों को सुलझाने के लिए साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें मृतक की आत्महत्या के वक्त दिमागी हालत कैसी होगी, इस बात का पता लगाया जाता है। इस साईकोलॉजिकल ऑटोप्सी का इस्तेमाल पुलिस मर्डर मिस्ट्री सुनंदा पुष्कर मौत मामले में भी कर चुकी है। इसमें आत्महत्या से मरे व्यक्ति या व्यक्तियों के जीवन हाल-फिलहाल में चल रही घटनाओं पर स्टडी की जाती है। मृतक की पर्सनल जानकारियों जैसे मोबाइल के मैसेजेस, कॉल्स, डायरी, घर के सामानों की जांच, परिवार वालों और दोस्तों के मृतक के व्यवहार की जानकारी जैसी तमाम बातों का अध्ययन कर खुदकुशी की वजह पता की जाती है।