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एनजीओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
जानकारी के मुताबिक जिन बच्चों के साथ कथित यौन शोषण किया गया वो संप्रदाय विशेष से ताल्लुक रखते हैं। इस घटना का खुलासा तब हुआ जब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शेल्टर होम में छापेमारी की। इस दौरान कई तरह की अनियमितताएं सामने आईं। आशंका जताई जा रही है कि यहां बच्चों का यौन शोषण किया जाता था। पता लगा है कि इन बच्चों को अपने परिजनों तक से मिलने नहीं दिया जाता था। सरकार को पूरे प्रकरण की रिपोर्ट सोंपते हुए आयोग ने एनजीओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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यहां लाए गए बच्चों का कोई रिकॉर्ड नहीं
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ज्योति बैंदा के अनुसार उनकी टीम ने नूंह स्थित ऑर्फन इन नीड एनजीओ द्वारा संचालित शेल्टर होम का निरीक्षण किया था। जांच में सामने आया है कि यहां लाए गए बच्चों का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जा रहा था। शेल्टर होम के तहखाने को कंट्रोल रूम की तर्ज पर तैयार किया गया था। इस तहखाने का रास्ता आॅफिस में खुलता था, जिसको ढक्कन से बंद किया जाता था।