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सिम्स हॉस्पिटल को मिलेगी नई अत्याधुनिक सीटी स्कैन व एमआरआई मशीन

अब नई मशीन आने से काफी हद तक राहत मिलेगी। मरीजों की जांच शीघ्रता से हो सकेगी। इसके साथ ही अब सिम्स में एमआरआई मशीन भी उपलब्ध होगी।

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बिलासपुर. छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में सीटी स्कैन मशीन काफी पुरानी हो गई है। इसकी कालातीत अवधि तक पार हो चुकी। इसलिए यह मशीन अक्सर बिगड़ती रहती है। इसकी मरम्मत पर प्रबंधन को भारी भरकम राशि खर्च करनी पड़ती है। हालात को देखते हुए सिम्स ने नई मशीन का प्रस्ताव भेजा था। इसी प्रस्ताव पर 7 करोड़ रुपए की लागत से नई व अत्याधुनिक सीटी स्कैन मशीन खरीदी जाएगी। इसके अलावा सिम्स में एमआरआई मशीन भी लाई जा रही है, जिसकी लागत १३ करोड़ रुपए बताई जा रही है। दोनों मशीनों के लिए 20 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह राशि एसईसीएल के सीएसआर मद से मिलनी है। कलेक्टर के माध्यम से यह प्रस्ताव एसईसीएल को भेजा जा रहा है। सिम्स में वर्ष 2002 में वन स्लाइन की सीटी स्कैन मशीन लगाई गई थी। इसमें पूरे संभाग के भर के मरीजों की जांच की जाती है। सड़क दुर्घटना, सिर में खून का थक्का जमना, ब्रेन ट्यूमर, बाडी स्कैन सहित अनेक प्रकार की जांच होती है। मशीन अपनी एक्पायरी डेट को पार कर चुकी है। इस वजह से आए दिन तकनीकी गड़बड़ी सामने आती है। अब नई मशीन आने से काफी हद तक राहत मिलेगी। मरीजों की जांच शीघ्रता से हो सकेगी। इसके साथ ही अब सिम्स में एमआरआई मशीन भी उपलब्ध होगी। इस मशीन से स्पायनल और तंत्रिका संबंधित विकृतियों की जांच की जा सकेगी। सिम्स से 3.5 टेस्ला (मानक क्षमता) मशीन का प्रस्ताव भेजा गया है।

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मंत्री ने दिए थे निर्देश : 10 अक्टूबर को शाम 6 बजे मंत्री अमर अग्रवाल ने स्वशासी कमेटी की बैठक ली थी, जिसमें कलेक्टर को एसईसीएल से इन मशीनों के लिए 20 करोड़ रुपए की मांग करने के निर्देश दिए थे।
अपनी लाइफ से पांच साल अधिक चल चुकी सिम्स की सीटी स्केन मशीन : सिम्स की रेडियोलाजी विभाग की एचओडी डॉ. अर्चना सिंह ने बताया सिटी स्कैन मशीन की लाइफ कंपनी ने 2013 तक बताई थी। यह मशीन पांच साल अधिक चल चुकी है। टेक्नीशियनों की सूझबूझ और विभागीय अधिकारियों की अच्छे से देख रेख करने के कारण अब तक यह मशीन चल पा रही है। लेकिन अब इसे बदला जाना आवश्यक हो गया है।

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कम खर्च में बेहतर इलाज : सिम्स में पूरे संभाग से मरीज आते हैं। सिटी स्कैन मशीन के साथ एमआरआई मशीन अति आवश्यक है। नाम मात्र के शुल्क पर मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके। इसी उद्देश्य से मशीनें खरीदी जा रही हैं। इसके लिए एसईसीएल से 20 करोड़ रुपए की मांग की गई है।
अमर अग्रवाल, नगरीय निकाय मंत्री छग शासन
मरीजों को मिलेगा लाभ : सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन के लिए 20 करोड़ का प्रस्ताव कलेक्टर के माध्यम से एसईसीएल को दिया गया है। दोनों मशीन के आने से अंचल के मरीजों को इसका लाभ मिलेगा।
डॉ. रमणेश मूर्ति, प्रभारी डीन, सिम्स

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