कैलाश मानसरोवर यात्रा: फंसे तीर्थयात्रियों को निकालने का अभियान समाप्ति की ओर मुश्किल में दाती महाराज खबरों के मुताबिक यह याचिका दिल्ली सिटिजन फोरम नाम के एनजीओ की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस जिस तरह इस मामले की छानबीन कर रही है, उससे लगता है कि अगले तीन दशकों में भी यह जांच पूरी नही की जा सकती। हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए इस मामले में कार्यवाही रिपोर्ट दर्ज करने को कहा है। इसके अलावा कोर्ट ने यह भी पूछा है कि ‘अगर दिल्ली पुलिस खुद को इतना असहाय समझती है तो क्या इस मामले की जांच सीबीआई को दे दी जाय।’
बैकफुट पर है पुलिस याचिका में आरोप लगाया गया था कि दाती महाराज के फतेहपुर बेरी स्थित शनिधाम मंदिर में कई राजनेता और ऊंचे ओहदे वाले सरकारी अधिकारी आते-जाते रहे हैं। ऐसे में ये लोग केस की जांच को प्रभावित कर सकते हैं। याचिकाकर्ता का कहना था कि मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच केस में कुछ ठोस सबूत नहीं जुटा पाई है। याचिका में यह भी कहा गया कि इस मामले में पुलिस की भूमिका शुरू से ही संदिग्ध रही है। यहां तक कि महिला द्वारा शिकायत करने के चार दिन बाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की।
बता दें कि बीते 11 जून को पीड़ित महिला ने दाती महाराज पर रेस करने केस दर्ज कराया था। पीड़िता का आरोप है कि करीब दो साल पहले दाती महाराज ने उसके साथ दिल्ली के आश्रम और पाली स्थित आश्रम में रेप किया था।
केरल में बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या के लिए 13 सीपीएम सदस्यों को उम्र कैद वारंट के बाद भी गिरफ्त से बाहर है दाती महाराज बता दें कि साकेत कोर्ट ने बलात्कार के आरोपों से घिरे दाती महाराज के खिलाफ सर्च वारंट जारी कर दिया था। पुलिस ने दाती महाराज के दिल्ली और राजस्थान स्थित आश्रमों में कई बार छापेमारी की लेकिन पुलिस अब तक दाती महाराज तक पहुंच नहीं पाई है। उधर रेप का आरोप लगने और एफआईआर दर्ज होने के बाद भी दाती महाराज फरार है और कोर्ट द्वारा कई बार समन भेजने के बावजूद वह हाजिर नहीं हुआ। पुलिस ने दाती महाराज के पाली आश्रम में रहने वाली उनकी अन्य शिष्याओं के भी बयान दर्ज किए गए । आश्रम की जांच करने पहुंची राजस्थान महिला आयोग की टीम को आश्रम के अंदर ढेरों अनियमितताएं मिली थी।